चीन के एक बंदरगाह के बाहर छह महीने से फंसे हुए भारतीय जहाजों और चालक दल को लेकर गतिरोध बरकरार है। चीन ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जहाज कोविड-19 की वजह से फंसा हुआ है। चीन कहा कि चीनी बंदरगाह पर ऑस्ट्रेलियाई कोयले से लदे जहाज के फंसे होने के पीछे दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर गतिरोध से कोई संबंध नहीं है। चीन ने फिर दोहराया है कि कोरोना महामारी की वजह से जहाज फंसे हुए हैं।
बता दें कि दो भारतीय जहाज जिनमें एक एमवी जग आनंद और एमवी अनास्तासिया है, जो कि जून महीने से जिंगतांग बंदरगाह पर अटका हुआ है। जहाज के अटके होने की वजह से चालक दल समेत कुल 39 भारतीय हेबेई के उत्तरी प्रांत में जिंगटांग और कॉफिडियन के चीनी बंदरगाहों से पानी में फंसे हुए हैं।। चालक दल के सदस्य जहाज के यहां पहुंचने के बाद से ही तत्काल राहत का इंतजार कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कई महीने से फंसे दोनों जहाजों को माल उतारने की अनुमति नहीं मिल रही है। माल नहीं उतरने और बंदरगाह पर महीनों से खड़े होने की वजह से चालक दल के सदस्य मानसिक तनाव में हैं और स्वास्थ्य को लेकर उनकी चिंताएं बढ़ गई हैं। क्योंकि जहाज की अधिकतर चीजें खत्म होने की कगार पर हैं।
नेशनल यूनियन ऑफ सीफेयरर्स ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन (आईटीएफ) और इंटरनेशनल मैरीटाइम ऑर्गनाइजेशन ने पिछले कुछ हफ्तों में चालक दल की दुर्दशा को बयां किया है। भारतीय दूतावास स्थानीय चीनी अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में है ताकि चालक दल के सदस्यों को बदलने की व्यवस्था की जा सके क्योंकि वे छह महीने से जहाज पर फंसे हुए हैं।
जहाज को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि हम समझ रहे हैं, भारतीय जहाजों के वहां पहुंचने के बाद कुछ अन्य जहाज वहां पहुंचे थे और उनको कार्गों को खाली कर वापस भी लौट चुके हैं। इसके कारण स्पष्ट नहीं हैं। वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन में क्वारंटाइन को लेकर सब स्पष्ट है।
उन्होंने कहा कि चीन भारत के साथ संपर्क में है और उनके अनुरोधों पर प्रतिक्रिया देने के साथ-साथ उन्हें जरूरी सहायता भी प्रदान की गई है। वहीं चालक दल को बदलने को लेकर वांग ने कहा कि जहां तक मुझे पता है क्वारंटाइन को लेकर मीटिंग के बाद ही कुछ फैसला लिया जाएगा।