नोटबंदी के दौरान फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सात बैंक खाते खुलवाने और उनके जरिये 9 करोड़ रुपये का कालाधन छिपाने के आरोप में 35 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि आरोपी की पहचान शाहदरा निवासी गौरव सिंघल के रूप में की गई है। पुलिस ने बताया कि आयकर अधिकारी राजेश कुमार गुप्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के बीच सात बैंक खातों में नौ करोड़ रुपये जमा कराई गई जिन्हें एक ही व्यक्ति ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुलवाया था।
उन्होंने बताया कि नोटबंदी के दौरान आरोपी ने कमीशन के आधार पर कालेधन को सफेद करने के लिए फर्जी दस्तावेज के आधार पर बैंक खाते खुलवाए थे। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि शाहदरा के विश्वास नगर के पते पर सात खाताधारक व्यापारिक गतिविधि कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्राहक को जानो (केवाईसी) दस्तावेज में उपलब्ध तस्वीर से एक निवासी की पहचान गौरव सिंघल के तौर पर हुई।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने अपने बयान में स्वीकार किया है कि उसने फर्जी पहचानपत्र- मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड- विभिन्न बैंक खाते खोलने के लिए बनाए और नोटबंदी के दौरान बड़ी राशि इन खातों में जमा कराई।
अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान बैंक खाते खोलने के लिए जमा मूल आवेदन पत्र की जांच की गई और पाया गया कि सभी खाते दो नाम योगेश कुमार व राहुल जैन के नाम से खुलवाए गए हैं।
पुलिस ने बताया कि आवेदन पत्र से खुलासा हुआ कि सिंघल ने चार खातों में अपनी तस्वीर लगाई थी, जबकि तीन अन्य खातों में अज्ञात लोगों की तस्वीर लगाई थी। संयुक्त पुलिस आयुक्त (आर्थिक अपराध शाखा) ओपी मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को आरोपी को शाहदरा के पीजी से गिरफ्तार किया गया।