अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 740.5 अरब डॉलर के वार्षिक रक्षा विधेयक के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि इसके कुछ प्रावधान राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा करते हैं। हालांकि प्रतिनिधिसभा दोनों दलों के समर्थन से इस वीटो को बेअसर करने की तैयारी में है।
अमेरिकी संसद ने पिछले सप्ताह वित्त वर्ष 2021 के लिए नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) पारित किया था। प्रतिनिधिसभा में इसके पक्ष में 335 वोट, जबकि इसके खिलाफ 78 वोट पड़े, एक सदस्य अनुपस्थित रहा। सीनेट में 13 के मुकाबले 84 वोट से इस विधेयक को पारित कर दिया गया।
ट्रंप ने विधेयक के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल करने के अपने कदम को उचित करार देते हुए एक बयान में कहा कि आप धारा 230 में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े जोखिम को समाप्त करने में असफल रहे। इससे हमारे खुफिया विभाग के लिए काम करने में अड़चन होगी। संचार औचित्य कानून की धारा 230 में सार्थक बदलाव के लिए भी कदम नहीं उठाए गए, जबकि दोनों दलों ने उस प्रावधान को निष्प्रभावी किए जाने की मांग की थी।
नैन्सी पेलोसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी
ट्रंप के इस कदम पर शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रतिनिधिसभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने इसे लापरवाही से लिया गया फैसला बताया। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह, 28 दिसंबर को द्विदलीय समर्थन के साथ सदन वीटो को अमान्य कर देगा। ट्रंप ने कहा कि विधेयक में कुछ सैन्य संस्थानों के नामों में बदलाव की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि सैन्य निर्माण कोष की मनमाने ढंग से सीमा तय करके देश की सुरक्षा के संबंध में राष्ट्रपति के अधिकारों को भी सीमित करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब आतंरिक सुरक्षा के लिए कई तरह के खतरे हैं राष्ट्रपति के पास इतने अधिकार होने चाहिए कि संसद की मंजूरी का इंतजार किए बिना वह अमेरिका के लोगों की रक्षा करने में सक्षम हों।
विदेश नीति के ठीक विपरीत है
ट्रंप ने आरोप लगाया कि कानून में एक संशोधन भी है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर, खासकर ग्रामीण इलाकों में 5जी सेवा शुरू करने की रफ्तार धीमी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून में ऐसे कई प्रावधान किए गए हैं, जो उनके प्रशासन की विदेश नीति के ठीक विपरीत है। दूसरे देशों में तैनात अमेरिकी सैनिकों से जुड़े फैसले भी इसमें शामिल हैं। उन्होंने कहा, मैं ऐसी जंग के खिलाफ हूं, जिसका कोई अंत नहीं है और अमेरिका के लोग भी ऐसा ही चाहते हैं। इस कानून के जरिए अफगानिस्तान, जर्मनी और दक्षिण कोरिया से हमारे सैनिकों की वापसी के लिए राष्ट्रपति की शक्तियों को सीमित किया गया है। यह गलत नीति है और असंवैधानिक भी है।
नरसंहार दोषियों को माफी देने पर इराक ने ट्रंप की निंदा की
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनोल्ड ट्रंप के बगदाद में 2007 में हुए नरसंहार के मामले में दोषी पाए गए पूर्व सरकारी ठेकेदारों को माफी देने के फैसले को मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कुछ इराकी लोगों ने न्याय नहीं होना बताया है। इराकी नेतृत्व के लिए खबर ऐसे महत्वपूर्ण समय में आई है, जब वह कुछ इराकी गुटों द्वारा अमेरिकी सैनिकों की इराक से पूर्ण वापसी का मांग पर संतुलित बनाने की कोशिश कर रहा है। बगदाद के निवासी सलेह आबेद ने कहा, कुख्यात ‘ब्लैकवॉटर कम्पनी के लोगों ने निसूर स्क्वायर में इराकी नागरिकों की हत्या की। आज, हमें पता चला कि राष्ट्रपति ट्रंप के निजी आदेश पर उन्हें रिहा कर दिया गया, जैसे कि उन्हें इराक में बहे खून की कोई परवाह ही नहीं है। ब्लैकवॉटर के कर्मचारियों ने सितम्बर 2007 में भीड़भाड़ वाले बगदाद ट्रैफिक सर्कल पर लोगों पर गोलियां चला दी थीं। इसमें बच्चों और महिलाओं समेत 14 नागरिक मारे गए थे।