दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 28वें दिन भी जारी है। नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच बना गतिरोध अभी दूर होता नहीं दिख रहा है। तीनों कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितंबर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने मंगलवार को यह ऐलान किया था कि 23 तारीख को हम एक टाइम का खाना नहीं खाएंगे। 26 और 27 तारीख को दूतावासों के बाहर हमारे लोग प्रदर्शन करेंगे। 27 तारीख को प्रधानमंत्री ने जो मन की बात का कार्यक्रम रखा है उसका हम थालियां बजाकर विरोध करेंगे।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।
LIVE Updates :-
– नोएडा : चिल्ला बॉर्डर पर पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह की जयंती पर हवन के आयोजन की तैयारी करते किसान।
– फरीदाबाद : अलावलपुर गांव में नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों को समर्थन देने के लिए तेवतिया पाल ने पंचायत की।
-गाजीपुर : पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती किसान दिवस के अवसर पर गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ‘हवन’ करते हुए। गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए किसानों को आज 26 दिन हो गए हैं।कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी किसान ने बताया कि किसान दिवस पर मैं मोदी सरकार को एक ही बात बोलना चाहता हूं कि कृषि कानूनों को वापस लेकर हमें आज ये गिफ्ट में दें क्योंकि अबका किसान पढ़ा-लिखा है उन्हें इस कानूनों के बारे में पता है।सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी किसानों ने बताया कि जो चिट्ठी सरकार ने भेजी है आज उसका जवाब दिया जाएगा। हम 24 घंटे बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे बात नहीं करना चाहते क्योंकि उनके मन में खोट है।