हाथरस के चर्चित गैंगरेप केस में चार्जशीट दाखिल होने के बाद खुफिया तंत्र सक्रिय हो गया है। सीआरपीएफ ने भी अपनी सुरक्षा और भी मजबूत कर दी है। आसपास के रास्तों पर कंटीले तार लगा दिए हैं। केवल मेनगेट से ही प्रवेश दिया जा रहा है। गांव में भी जवान चौबीस घंटे गश्त दे रहे हैं।
सीबीआई ने अपनी जांच के बाद चारों आरोपियों को दोषी मानते हुये उनके खिलाफ अदालत में केस डायरी सहित आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। सीबीआई ने अपनी जांच में किसी को बाहर नहीं किया है। जबकि जांच के दौरान आरोपियों के परिवार को लग रहा था कि सीबीआई जरूर इस मामले में कुछ नया करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब ऐसे में खुफिया तंत्र एक बार फिर से सक्रिय हो गया है। घटना से बाद से गांव में एक एलआईयूकर्मी लगातार ड्यूटी पर है। जो आने जाने वाले हर व्यक्ति पर नजर बनाये हुए है। सीआरपीएफ ने भी अपने स्तर से सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम कर दिए हैं। घर के बाहर बने एक कमरे के आसपास तार लगा दिये। ताकि कोई भी व्यक्ति प्रवेश न कर पाए। घर आने जाने वाले हर व्यक्ति की तलाशी ली जा रही है। उसके नाम पता और मोबाइल नंबर दर्ज किया जा रहा है।
चारों आरोपियों को अब अलग-अलग बैरक में रखा जाएगा
सीबीआई की चार्जशीट दाखिल करने के बाद अलीगढ़ जेल बंद में चारों आरोपियों की नींद उड़ गई है। चार्जशीट में चारों युवकों पर गैंगरेप और हत्या के आरोप हैं। अभी तक एक ही बैरक में बंद इन चारों युवकों को अब जेल प्रशासन ने अलग-अलग बैरक में रखने का फैसला लिया है। इसके अलावा चारों पर पैनी नजर भी रखी जा रही है। हाथरस की एससी-एसटी कोर्ट में शुक्रवार को सीबीआई ने 69 दिनों की जांच करने के बाद इस हाईप्रोफाइल मामले की चार्जशीट दाखिल कर दी। चार्जशीट में अलीगढ़ जेल में पिछले लगभग तीन महीनों से बंद चारों युवकों पर गैंगरेप और हत्या का आरोप तय किया गया है। सीबीआई ने इन चारों आरोपियों का गुजरात में ब्रेन मैपिंग और पालिग्राफिक टेस्ट भी कराया था। चार्जशीट दाखिल होने के बाद चारों आरोपियों की नींद उड़ गई है। चारों का खाना-पीना कम हो गया है। सभी के चेहरों पर तनाव आ गया है। इस घटना और बाद में चर्चाओं में यह बात तेजी से फैली थी कि युवती के साथ इन आरोपियों ने कुछ नहीं किया है। गांव बूलगढ़ी का बड़ा वर्ग भी यही मानता था कि सीबीआई की जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सीबीआई की चार्जशीट के बाद से चारों आरोपियों को गहरा धक्का लगा है। जेल प्रशासन भी चार्जशीट दाखिल होने के बाद अलर्ट हो गया है। चारों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अब जेल प्रशासन चारों को अलग-अलग बैरक में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहा है।
चार्जशीट दाखिल होने के बाद चेहरे से गायब हुई रौनक :
हाथरस कांड के आरोपियों को जब मालूम हुआ कि गैंगरेप कांड की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर दी है। सीबीआई ने माना है कि युवती की गैंगरेप के बाद हत्या की गई है। जेल सूत्रों की मानें तो चारों बंदियों को जब से रिपोर्ट कोर्ट में जमा होने व उनको दोषी मानने की जानकारी मिली है, जब से उनके चेहरे की रौनक चली गई है। जेल प्रशासन चारों पर नजर रखे हुए है।
14 सितंबर को हुई थी घटना
हाथरस में यह घटना 14 सितंबर को हुई थी। चंदपा के गांव बूलगढ़ी में दलित लड़की के साथ कुछ युवकों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया और बाद में उसके साथ मारपीट की। लड़की की हालत गंभीर होने पर पहले उसको अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज, उसके बाद तबियत बिगड़ने पर दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 29 सितंबर को उसकी मौत हो गई।
रात में किया गया था अंतिम संस्कार :
आनन-फानन में लड़की के शव को हाथरस लेकर आई पुलिस ने बिना किसी परिवार के सदस्य की मौजूदगी के रात में फूंक दिया था। इसके बाद पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। मामले की निष्पक्ष जांच काने के लिए सूबे की सरकार की ओर से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी।