पशुपालन फर्जीवाड़े में फरार चल रहे निलम्बित डीआईजी अरविन्द सेन की तलाश में एसटीएफ ने दो जगह दबिश दी। इस दौरान अरविन्द सेन के एक बेहद करीबी को हिरासत में लिया गया। उससे देर रात तक एसटीएफ पूछताछ कर रही थी। वहीं एसीपी गोमतीनगर की टीम भी अरविन्द सेन की तलाश में कई नम्बरों की कॉल डिटेल के आधार पर पड़ताल कर रही है। उधर, पुलिस अरविन्द पर इनाम बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।
अरविन्द सेन पर 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया जा चुका है। इसके साथ ही पुलिस ने उनकी सम्पत्ति कुर्क करने के लिये भी कोर्ट में अर्जी दे दी है। अरविन्द को गिरफ्तार करने के लिये एसटीएफ और पुलिस पर ऊपर से काफी दबाव है। कुछ दिन पहले ही एसीपी श्वेता की टीम ने सिपाही दिलबहार यादव को गोमती बैराज के पास से गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि पूछताछ में दिलबहार ने ज्यादा जानकारी नहीं दी थी। पुलिस का कहना है कि डीआईजी की गिरफ्तारी के बाद दिलबहार को रिमाण्ड पर लिया जायेगा।
पीड़ित व्यापारी मंजीत भाटिया ने बताया कि दिलबहार ही उसे मुख्य आरोपी आशीष राय के कहने पर नाका कोतवाली से सीबीसीआईडी के दफ्तर में अरविन्द सेन के पास ले गया था। यहीं पर उसे काफी धमकाया गया था। एसटीएफ सूत्रों ने बताया कि अरविन्द सेन फरारी के दौरान जहां-जहां शरण लिये थे, उन सभी जगह एसटीएफ पहुंच रही है। कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिल रही है। वहीं यह भी माना जा रहा है कि इनाम घोषित होने के बाद अरविन्द सेन समर्पण करने की फिराक में है।