दिल्ली के सागरपुर इलाके के मकान में आग लगने से दो सगे मासूम भाइयों की मौत हो गई। मकान के एक हिस्से में चप्पल का गोदाम बनाया गया था। इस घटना में पुलिस ने करीब 15 लोगों को इमारत से बाहर भी निकाला। फिलहाल शॉर्ट सर्किट को आग लगने का कारण माना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार बी ब्लॉक दयालपुर में 50 गज का तीन मंजिला मकान है। इस मकान के ग्राउंड फ्लोर पर अमोद अपनी पत्नी सोनी एवं दो बच्चों पांच साल के आयुष और 6 साल के श्रेयांश के साथ रहते हैं। दंपति घर में ही चप्पल बनाकर साप्ताहिक बाजार में बेचते हैं, इसलिए एक कमरे में चप्पल बनाने का सामान रखा हुआ था। वहीं दूसरे कमरे में परिवार जीवन यापन करता था। बताया जाता है कि शुक्रवार को दोनों बच्चे घर पर अकेले थे, तभी मकान के ग्राउंड फ्लोर पर शाम करीब तीन बजे आग लग गई। यह देखकर लोगों ने पुलिस एवं दमकल को घटना की सूचना दी। इलाके में गश्त कर रहे एसएचओ सूबे सिंह एवं अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भीषण धुएं में फंसे दोनों मासूम भाइयों को किसी तरह बाहर निकाला और स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत गंभीर होने पर दोनों को डीडीयू अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
बताया जाता है कि दोनों मासूम भाइयों की मौत दम घुटने से हुई है। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने मकान के पिछले हिस्से से रस्सा फेंककर इमारत में फंसे करीब 15 लोगों को बाहर निकाला। चूंकि इमारत के निचले हिस्से में आग लग गई थी, इसलिए ये लोग अंदर ही फंस गए थे। फिलहाल इस घटना में कोई अन्य घायल नहीं हुआ। वहीं, सूचना मिलने पर दमकल की तीन गाड़ियों ने एक घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया। इसके इमारत में तलाशी अभियान भी चलाया गया, लेकिन इसमें कोई नहीं मिला।
घर आए तो लुट गया परिवार
अमोद दोपहर में किसी काम से बाहर गया हुए थे। वहीं, कुछ देर बाद सोनी भी अपने बच्चों को घर में छोड़कर सब्जी खरीदने के लिए चली गई। चूंकि श्रेयांश थोड़ा समझदार था, इसलिए उसे अपने छोटे भाई की देखभाल करने के लिए कहकर गई थी। जब पति-पत्नी लौटे तो देखा कि उनकी कोख ही उजड़ चुकी थी। दोनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने लापरवाही से मौत की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है और शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए डीडीयू अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया है।