नए कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अमेरिका के 20 भारतीय डॉक्टरों एक दल ने फिलहाल अपनी वापसी टाल दी है। टिकरी बॉर्डर पर हजारों किसान तीन हफ्ते से भी अधिक समय से यहां डटे हुए हैं।
दल के एक ह्रदयरोग विशेषज्ञ डॉक्टर स्वैमान सिंह ने बताया कि उन्होंने करीब 20 दिन पहले टिकरी में मेडिकल कैम्प लगाया था और तब से ही बीमार किसानों के इलाज में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि हम हर साल भारत आते हैं और जरूरतमंदों के इलाज के लिए नि:शुल्क मेडिकल कैम्प लगाते हैं। इस वर्ष जो सबसे अधिक जरूरतमंद हैं, वे ये किसान हैं इसलिए हम यहां आए हैं।
उन्होंने कहा कि अपने वार्षिक मेडिकल कैम्प दौरे के लिए हम करीब तीन महीने पहले यहां आए थे। हमें एक महीने में लौटना था, लेकिन किसानों के इलाज के लिए रुक गए। खुद एक किसान परिवार से आने वाले डॉक्टर स्वैमान सिंह ने कहा कि जब तक किसानों को उनकी जरूरत होगी, वे यहीं रहेंगे। उन्होंने बताया कि भारत के डॉक्टर मेडिकल सप्लाई के लिए उन्हें मदद दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रतिदिन वह कम से कम 1,500-2,000 मरीजों को देख रहे हैं और उनमें जो समस्या आम है वह है तनाव। उन्होंने कहा कि तनाव की समस्या के साथ प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में लोग बुखार, उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं तथा उनके कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने की आशंका है।
किसानों को मास्क पहनने का सुझाव देने के बारे में पूछने पर डॉक्टर सिंह ने कहा कि ज्यादातर किसान मास्क पहनने से इनकार कर रहे हैं जिसका एक कारण है जारूकता की कमी और दूसरी बात यह है कि उन्हें मास्क की आड़ में उपद्रवियों द्वारा गड़बड़ी फैलाने की आशंका है।