देश की सड़क सुरक्षा सुदृढ़ करने के लिए समर्पित केंद्र सरकार ने क्षेत्रीय अफसरों पर नकेल कस दी है। कागजी खानापूर्ति करने वाले अफसरों को समय-समय पर राष्ट्रीय राजमार्गों व राज्य राजमार्गों का सफर करना होगा। इस दौरान राजमार्गों के गड्ढों, अवरोधों ब्लैक स्पॉट व त्रुटियों को ठीक करने का एक्शन प्लान बनाकर राज्यों में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों को भेजना होगा। देश के सभी राज्यों में लागू इस नई व्यवस्था पर दिल्ली मुख्यालय से नजर रखी जाएगी।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों में नियुक्ति अपर महानिदेशकों, चीफ इंजीनियर, क्षेत्रीय अधिकारियों (आरओ) पिछले हफ्ते निर्देश जारी कर दिया है। इसमें उल्लेख है कि क्षेत्रीय अफसर यात्राएं कर अपने क्षेत्र के राष्ट्रीय राजमार्गों का सड़क सुरक्षा की समयबद्ध निगरानी करेंगे। इसमें सड़क सुरक्षा, रख रखाव, मरम्मत आदि मुद्दों को शामिल करेंगे। सड़कों पर गड्ढों, टूट-फूट, अवरोधक, ब्लैक स्पॉट, जर्जर सड़कें आदि को ठीक करने को लेकर एक्शन प्लान बनाएंगे। राज्यों में मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, बीआरओ आदि एजेंसियों ठीक कराएंगे।
इसके एक माह के भीतर सड़क परिवहन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट (एक्शन टेकन) भेजेंगे। लापरवाही बरतने वाले क्षेत्रीय अफसरों, ठेकेदार, निर्माण कंपनियों की जवाबदेही तय की जाएगी। अधिकारी ने बताया कि हर साल डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में हो रही है। सरकार ने आगामी 2025 तक इसमें 50 फीसदी कमी लाने का लक्ष्य रखा है। इसलिए क्षेत्रीय अफसरों पर सख्ती करते हुए मौका मुआयना करने का फैसला किया है।
प्रोटोकॉल हो चुका है जारी
सड़क परिवहन मंत्रायल ने पिछले महीने राष्ट्रीय राजमार्गों के ब्लैक स्पॉट ठीक करने के प्रोटोकॉल जारी कर दिए हैं। इसमें राजमार्गों पर ब्लैक स्पॉट की पहचान, सुधार व निगरानी के लिए अल्प व दीर्घकालिक योजना के लिए सरकार ने पहली बार मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की है। ऑनलाइन निगरानी के लिए ब्लैक स्पॉट समर्पित नया पोर्टल बनाया जा रहा है।