पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले साल- डेढ़ साल में रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की 14 में से 2 बैठकों में ही भाग लिया। वह खुद अनुपस्थित रहते हैं और फिर सरकार और सारी प्रक्रिया को दोष देते हैं और विरोध में बैठक से वॉक आउट कर जाते हैं। स्थायी समिति कोई विरोध स्थल नहीं है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रियाओं के लिए उनका कितना सम्मान है। जब यूपीए शासन के दौरान राहुल गांधी सत्ता में थे, तब उन्होंने कैबिनेट के फैसले को फाड़ दिया था और इसे कूड़ेदान में फेंक दिया था। राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करना सीखना चाहिए वरना लोकतंत्र में उनकी भूमिका नगण्य हो जाएगी।अनुपस्थित रहना, चर्चा के अपने एजेंडे का खुलासा नहीं करना, और फिर ‘महत्वपूर्ण मुद्दों’ की गैर-चर्चा का आग्रह करना सभी संसदीय प्रक्रियाओं और संवैधानिक संस्थानों का अपमान है। हम इस रवैये की निंदा करते हैं।