पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज सहित पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के शीर्ष नेताओं पर यहां मीनार-ए-पाकिस्तान की रैली के बाद मंगलवार को राष्ट्रीय संपत्ति को अपूरणीय क्षति पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया गया। वहीं 11 दलों वाले विपक्षी गठबंधन ने प्रधानमंत्री इमरान खान के पद छोड़ने या इस्लामाबाद में लंबे मार्च का सामना करने के लिए 31 जनवरी की समय सीमा तय की है।
विपक्षी गठबंधन ने रविवार को सरकार विरोधी अंतिम रैली लाहौर में की थी जबकि कोविड-19 के बढ़ते मामले के कारण 300 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है। सितंबर में पीडीएम का गठन होने के बाद से वह बड़ी रैलियां कर रहा है और खान को हटाने की मांग कर रहा है। साथ ही वह शक्तिशाली सेना के राजनीति में हस्तक्षेप बंद करने की भी मांग कर रहा है।
लाहौर पुलिस ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज, पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी, राष्ट्रीय असेंबली के पूर्व अध्यक्ष सरदार अयाज सादिक, पूर्व रेल मंत्री साद रफीक और 125 अन्य पर मीनार-ए-पाकिस्तान के दरवाजे का ताला तोड़ने, सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने और कोविड-19 के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने के लिए पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
प्राथमिकी में कहा गया है कि पीडीएम ने राष्ट्रीय विरासत -मीनार ए पाकिस्तान को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। इसमें उल्लंघन के 15 मामले हैं जिनमें कोरोना वायरस मानक संचालन प्रक्रिया का उल्लंघन भी शामिल है। पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि यह प्राथमिकी इस बात का सबूत है कि लाहौर में पीडीएम की रैली सफल रही। उन्होंने कहा, ”यह प्राथमिकी कठपुतली प्रधानमंत्री इमरान खान की फासीवादी मानसिकता को दर्शाती है।