रूस से एस- 400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की वजह से सोमवार को तुर्की पर लगाए गए प्रतिबंध से भारत पर भी दबाव बढ़ गया है। पूर्व राजनयिकों का मानना है कि भारत को इस संबंध में अमेरिकी रियायत के लिए अपने प्रयास तेज करने होंगे। एस- 400 सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है। भारत और रूस के बीच इस पर समझौता हो चुका है। रूस को अभी इस एडवांस मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति करनी है। पूर्व विदेश सचिव शशांक ने हिंदुस्तान से बातचीत में कहा, अमेरिका ने अभी भारत को एस- 400 डील पर कोई छूट नहीं दी है। तुर्की पर प्रतिबंध भारत के लिए भी संकेत है।
उन्होंने कहा कि भारत की बातचीत चल रही है। हमें बातचीत तेज करनी होगी, जिससे किसी भी तरह की असहज स्थिति का सामना न करना पड़े। शशांक ने कहा भारत अमेरिका का बहुत ही महत्वपूर्ण साझेदार है। दोनों की रणनीतिक साझेदारी नए मुकाम पर हैं। ऐसे में अमेरिका के लिए भी भारत को लेकर अलग दृष्टिकोण रखना होगा। लेकिन हमें अपना केस ओर प्रभावी तरीके से रखना होगा।
शशांक ने कहा, ‘अमेरिका ने चाबहार के मसले पर हमें छूट दी है, लेकिन वहां भी सीमित छूट है। हमें समझाना होगा कि अगर अमेरिका भारत को छूट नहीं देता है तो इसका फायदा चीन उठा सकता है। ईरान से तेल की खरीद पर भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए इसका प्रतिकूल असर पड़ा है। हालांकि भारत ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी देश से अपने स्वतंत्र संबंधों को तीसरे पक्ष से प्रभावित नहीं होने देगा, लेकिन भारत को नए परिप्रेक्ष्य में अपना पक्ष मजबूत रखना है।’
डील से पीछे नहीं हटेगा भारत
सामरिक मामलों के जानकार पी के मिश्रा ने कहा कि एस- 400 डील भारत के लिए बहुत ही अहम है। भारत इससे पीछे नहीं हटेगा। भारत का रूस से समझौता हो चुका है। रूस भारत का परंपरागत मित्र रहा है। चीन से सीमा विवाद के बीच भी रूस ने भारत को एस – 400 देने पर हामी भरी है। हालांकि भारत ये जरूर चाहेगा कि अमेरिका की चिंताओं को भारत दूर करे। गौरतलब है कि तुर्की पर प्रतिबंधों के ऐलान के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है, ‘आज का एक्शन एक साफ संदेश देता है कि अमेरिका के सहयोगी पूरी तरह से काटसा के सेक्शन 231 का पालन करें। उन्होंने ये भी कहा कि तुर्की एक मूल्यवान सहयोगी है और उसे समस्या का जल्द समाधान कर लेना चाहिए। अमेरिका का कहना है कि तुर्की ने सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम खरीदकर नियम तोड़े हैं।