दिल्ली की पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी पुलिस बल में तैनात कुछ लोग अपनी हरकतों से लगातार दिल्ली पुलिस की छवी को खराब कर रहे हैं। ताजा मामला लाजपत नगर इलाके का है। जहां लाजपत नगर थाने में तैनात एक कांस्टेबल ने सड़क पर रेहड़ी लगाने के लिए रिश्वत मांगी। रेहड़ी वाले ने जब पैसे देने से मना किया। तो पीड़ित थाने ले जाकर जमकर पीटा और आगे से पैसे समय से देने के लिए कहा। थाने से बाहर आने के बाद पीड़ित ने आरोपी की शिकायत लाजपत नगर थाने में दी। लेकिन एक माह तक चक्कर लगाने के बाद पीड़ित की शिकायत पर एफआइआर दर्ज नहीं हुई तो पीड़ित ने पुलिस उपायुक्त को आरोपी की शिकायत दी है। पुलिस उपायुक्त को शिकायत देने के 10 दिन बाद भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
क्या है मामला
पीड़ित युवक अजय पांड़े अपने परिवार के साथ सराय काले खां इलाके में रहता है। परिवार में बुजुर्ग विधवा माँ, बुजुर्ग मौसी और एक बड़ी बहन शामिल है। पीड़ित ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया है कि वह नेहरू नगर टीबी अस्पताल के सामने रेहड़ी पर खाना बेचकर अपने परिवार का गुजारा करता है। यहां बीट कांस्टेबल राजेन्द्र प्रसाद मीणा रेहड़ी लगाने की एवज में प्रतिमाह 10 हजार रुपए रिश्वत ले रहा है। 11 नवम्बर को कांस्टेबल राजेन्द्र ने पीड़ित को पुलिस बूथ पर बुलाया और दिवाली की एवज में 5 हजार रुपये की मांग की। लेकिन पीड़ित ने पैसे न होने की बात कही और चला गया। 14 नवंबर की शाम को पीड़ित अपनी दुकान की पूजा कर घर लौट रहा था। उसी दौरान कांस्टेबल राजेन्द्र ने पीड़ित अजय को पकड़ लिया और उससे पैसे की मांग की। पीड़ित ने पैसे नहीं दिए और आरोपी ने उसकी जेब से जबरन 75 सौ रुपए निकाल लिए। पीड़ित ने विरोध किया तो कांस्टेबल राजेन्द्र उसे थाने ले गया और पूरी रात थाने में बैठाकर रखा। पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया है कि कांस्टेबल राजेन्द्र ने उसे जमकर पीटा और आगे से पैसा समय से देने की बात कहकर 15 नवंबर की सुबह छोड़ दिया।
थाने के चक्कर लगा रहा है परिवार
पीड़ित ने थाने से बाहर आने के बाद अपने परिजनों को आपबीती बताई और थाने में आला अधिकारियों को शिकायत की। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर पीड़ित ने लिखित में 18 नवंबर को लाजपत नगर थाने में शिकायत दी। लेकिन लाजपत नगर थाने में उसकी शिकायत एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जिसके बाद 23 नवंबर को पीड़ित पुलिस उपायुक्त कार्यलय पहुंचा और वहां भी अपनी शिकायत दी। बावजूद इसके आरोपी कांस्टेबल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते पीड़ित थाने के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है।