केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने FICCI की 93 वीं वार्षिक आम बैठक में कहा कि हमारे हिमालयी मोर्चे पर अकारण आक्रामकता इस बात की याद दिलाती है कि दुनिया कैसे बदल रही है, न केवल हिमालय में बल्कि इंडो-पैसिफिक में मौजूदा समझौतों को कैसे चुनौती दी जा रही है, कैसे सत्ता हासिल की जा रही है?
उन्होंने कहा कि इस राष्ट्र की आने वाली पीढ़ियों को इस बात पर गर्व होगा कि इस वर्ष हमारी सेनाएं क्या हासिल कर पाई हैं। जब भी LAC में कोई स्थिति बनती है, भारत और चीन की साफ दिखती स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि हम सीमापार आतंकवाद के शिकार हुए हैं, फिर भी अकेले लड़ रहे हैं। हमारा समर्थन करने वाला कोई नहीं था, लेकिन बाद में, लोगों ने समझा कि हम पाकिस्तान के आतंकवाद के बारे में सही थे।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि कृषि एक ऐसा क्षेत्र रहा है जो महामारी के दुष्प्रभावों से बचने में सक्षम रहा है और वास्तव में यह सबसे अच्छा है। हमारी उपज और खरीद भरपूर है और हमारे गोदाम भरे हुए हैं।
वहीं किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि हम हमेशा अपने किसान भाइयों की बात सुनने के लिए तैयार रहते हैं, उनकी गलतफहमी को दूर करते हैं और उन्हें वह आश्वासन प्रदान करते हैं जो हम प्रदान कर सकते हैं। हमारी सरकार हमेशा चर्चा और बातचीत के लिए तैयार है।