चारा घोटाले के चार अलग-अलग मामलों में सजायाफ्ता आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने झारखंड हाईकोर्ट गुरुवार को एक पूरक शपथपत्र (एफिडेविट) दाखिल किया। इसके बाद लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर असर पड़ सकता है। आपको बता दें कि लालू के लिए आज का दिन काफी अहम है। चारा घोटाला मामले में बेल मिलेगी या वह अभी भी जेल में ही रहेंगे, इस पर रांची हाईकोर्ट में आज सुनवाई होनी है।
सीबीआई ने शपथपत्र में कहा है कि लालू ने लगातार जेल नियमावली का उल्लंघन किया है और उनकी तबीयत भी अब स्थिर है। इसलिए, उन्हें राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स), रांची से बिरसा मुंडा जेल भेज देना चाहिए।
चारा घोटाले के दुमका कोषागार से गबन के मामले में लालू की जमानत याचिका पर शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। जमानत के लिए लालू की याचिका पर न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की पीठ सुनवाई करेगी। न्यायिक हिरासत से लालू यादव द्वारा बिहार के एक भाजपा विधायक को कथित तौर पर किये गये फोन के मामले में उनके खिलाफ पटना में एफआईआर भी दर्ज की गई थी।
पिछली सुनवाई पर भी सीबीआई ने किया था जमानत का विरोध
पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए दावा किया था कि लालू प्रसाद की आधी सजा पूरी नहीं हुई है, इसलिए जमानत का लाभ नहीं मिल सकता। इस पर हाईकोर्ट ने निचली अदालत और जेल के रिकॉर्ड की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया था और यह बताने को कहा था कि आधी सजा पूरी हुई है या नहीं।
यदि शुक्रवार को लालू प्रसाद को जमानत मिल जाती है तो वह जेल से बाहर निकल जाएंगे। उनके खिलाफ झारखंड में चारा घोटाले के पांच मामले चल रहे हैं। चार में उन्हें सजा सुनाई गई है। इनमें तीन में उन्हें आधी सजा काटने पर जमानत मिल गई है। एक मामले में अभी सीबीआई कोर्ट में ट्रायल चल रहा है।