मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ किया है कि अपराध नियंत्रण को लेकर तनिक भी लापरवाही और सुस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पुलिस के आला अफसरों को निर्देश दिया कि जिन थाना क्षेत्रों में क्राइम बढ़े हैं, उनकी समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करें। कोताही बरतने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर उन पर सख्त कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को एक अणे मार्ग में कानून-व्यवस्था की समीक्षा की और कई निर्देश पदाधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर हाल में अपराध पर नियंत्रण रखें। कानून का सख्ती से पालन हो और अपराधियों में कानून का भय हो, यह सुनिश्चित करें। पर्व त्योहारों के दौरान जिन-जिन क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों द्वारा घटनाओं को अंजाम दिया जाता है, उन क्षेत्रों को चिन्हित करें। वहां वैसे असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनकी पहले ही गिरफ्तारी करें, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। स्पीडी ट्रायल में तेजी लायें।
अभियोजन और अनुसंधान के कार्य को बेहतर तरीके से अंजाम दें, ताकि अपराधियों को सख्त सजा दिलायी जा सके। थाने के पुलिस वाहन के लिए पुलिस बल से ही स्थायी ड्राइवर की व्यवस्था रखें। पुलिस व्यवस्था में संवेदनशीलता और गोपनीयता आवश्यक है। सभी थानों में स्टेशन डायरी अपडेट रखा जाए। प्रत्येक थाने में स्टेशनरी एवं अन्य सामग्री के लिए रिवाल्विंग फंड की व्यवस्था सुनिश्चित रखें। ऐसा सिस्टम बनाएं कि थाने के एकाउंट में हमेशा राशि उपलब्ध रहे। प्रत्येक थाने में महिला शौचालय एवं स्नानागार की समुचित व्यवस्था फरवरी तक सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव दीपक कुमार, डीजीपी एसके सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह आमिर सुबहानी, वित्त के प्रधान सचिव एस सिद्घार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, अनुपम कुमार, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आलोक राज, अपर पुलिस महानिदेशक सीआईडी विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक जेएस गंगवार, एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।
अपर पुलिस महानिदेशक विधि-व्यवस्था अमित कुमार, पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध अमृत राज, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह आदि उपस्थित थे। जेएस गंगवार ने साइबर अपराध की रोकथाम को लेकर की किये जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतिकरण दी।