केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से सटी सीमाओं पर किसानों का जारी आंदोलन दूसरे देशों तक पहुंच गया है। अमेरिका में जहां किसानों के पक्ष में रैलियां निकाली गई हैं, तो वहीं, बुधवार को ब्रिटेन के एक सांसद ने ब्रिटिश संसद में यह मुद्दा उठा दिया। विपक्षी दल लेबर पार्टी के सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से किसानों के आंदोलन पर सवाल पूछा, लेकिन जॉनसन कन्फ्यूज हो गए। उन्होंने पूरे मामले को भारत-पाकिस्तान का मामला बताया। अब सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो गया है।
ब्रिटिश सिख सांसद तनमनजीत सिंह ढेसी ने प्रधानमंत्री क्वेश्चन सेशन (पीएमक्यूएस) के तहत बोरिस जॉनसन से कहा, ”पंजाब या भारत के अन्य हिस्सों से आने वाले सांसदों समेत कई सांसद किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर वॉटर कैनन, आंसू गैस और पुलिस बल के प्रयोग की फुटेज देखकर काफी भयभीत हैं। हालांकि, जो किसानों को मार रहे थे, उन्हें ही वे खाना खिला रहे थे। यह देखना काफी सुखदायी है। यह अदम्य भावना है और ऐसा करने के लिए एक अलग प्रकार के लोगों की जरूरत होती है।” विपक्षी सांसद ने आगे कहा कि तो क्या प्रधान मंत्री (बोरिस जॉनसन) भारतीय प्रधान मंत्री (नरेंद्र मोदी) को हमारी चिंताओं से अवगत कराएंगे? और क्या वे इस बात से सहमत हैं कि सभी को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का मौलिक अधिकार है।”
विपक्षी दल के सिख सांसद द्वारा पूछे गए सवाल का प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने जवाब दिया। हालांकि, वे पूरे मामले को ठीक तरीके से समझ नहीं सके और इसे भारत-पाकिस्तान का मामला करार दे बैठे। जॉनसन ने सांसद तनमनजीत सिंह को जवाब देते हुए कहा, ”हमारा मत यह है कि जो भी भारत-पाकिस्तान के बीच हो रहा है, उसको लेकर हमें गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन यह उन दो सरकारों का मामला है। मुझे पता है कि वह इस बिंदु की सराहना करेंगे।”
भारत के किसानों के मामले को पाकिस्तान से जोड़ने वाले बोरिस जॉनसन के जवाब के बाद सांसद तनमनजीत काफी हतप्रभ नजर आए। वायरल वीडियो में उन्हें अजीबोगरीब तरीके से जवाब का रिएक्शन देते हुए देखा गया। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर सांसद तनमनजीत और प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन का सवाल-जवाब काफी वायरल हो रहा है। यूजर्स वीडियो पर तरह-तरह के कॉमेंट्स कर रहे हैं।
दुनिया के दूसरे देशों तक भी पहुंच चुका है आंदोलन
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का यह आंदोलन दुनिया के अन्य देशों तक पहुंच चुका है। जहां-जहां पंजाबी लोग रह रहे हैं, वे किसान आंदोलन से जुड़ते जा रहे हैं। कई प्रमुख हस्तियों ने किसानों का समर्थन किया है। हाल ही में ब्रिटेन के भारतीय मूल और पंजाब से संबंध रखने वाले 36 सांसदों ने कृषि बिलों को लेकर पीएम मोदी के साथ ये मुद्दा उठाने की बात कही थी। इन सांसदों में खुद तनमनजीत सिंह ढेसी भी थे। इन सभी सांसदों ने विदेश सचिव डॉमिनिक रैब को लिखा था कि वे किसान आंदोलन को लेकर पीएम मोदी से चर्चा करें। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में लेबर, कंजरवेटिव और स्कॉटिश नेशनल पार्टी के पूर्व श्रम नेता जेरेमी कॉर्बिन, वीरेंद्र शर्मा, सीमा मल्होत्रा, वैलेरी वाज़, नादिया व्हिटोम, पीटर बॉटमली, जॉन मैककॉनेल, मार्टिन डॉकर्टी-ह्यूजेस और एलिसन थेवलिस शामिल थे।
किसानों ने सरकार का प्रस्ताव खारिज किया
कृषि कानूनों पर सरकार के प्रस्ताव को किसान संगठनों ने बुधवार को खारिज कर दिया, जिसके बाद आंदोलन जल्द खत्म होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार तीनों कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की उनकी मांग स्वीकार नहीं करती तब तक वे आंदोलन जारी रखेंगे तथा इसे और तेज करेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि किसान 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे और 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे को बंद करेंगे।