दिल्ली में प्रदूषण के कारण दिन-प्रतिदिन बिगड़ती आबोहवा को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार में जारी गतिरोध के बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को दिल्ली में प्रदूषण के तीन बड़े कारण बताए।
जावड़ेकर ने कहा कि दिल्ली में हिमालय की ठंड, पानी की भाप और धूल प्रदूषण के तीन सबसे अहम कारण हैं, जबकि दिल्ली जितनी ही आबादी, कचरा और वाहन होने के बावजूद मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे शहरों में प्रदूषण का स्तर दिल्ली के मुकाबले काफी कम रहता है।
जावड़ेकर ने कहा कि हमें यह समझना होगा कि ऐसा क्यों होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वहां पर धूल नहीं और हवा लगातार चलती रहती है, जोकि दिल्ली में नहीं है। इसलिए हमें और ज्यादा मेहनत करके दिल्ली को ठीक करना होगा। आज हमने एक बार फिर से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन, दिल्ली लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड और केंद्र सरकार की सीपीडब्ल्यूडी, डीडीए, दिल्ली मेट्रो और एनएचएआई को निर्देश जारी कर कहा अपने-अपने निर्माण स्थलों पर धूल प्रबंधन के लिए कदम उठाने के लिए कहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धूल प्रबंधन सही ढंग से करने से प्रदूषण पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकती है। मुझे लगता है कि धूल प्रबंधन में सभी एजेंसियां मिलकर काम करेंगी क्योंकि यह लड़ाई सभी को मिलकर लड़नी है और सभी के प्रयासों से ही दिल्ली को राहत मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।