मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला मुख्यालय से 45 किमी दूर एक गांव में देखते ही देखते सास-बहू का झगड़ा इतना बढ़ गया कि उसने खूनी रूप ले लिया। बताया जा रहा है कि इस संघर्ष में धारदार हथियार का इस्तेमाल हुआ, नतीजन सास की मौत हो गई, जबकि बेटा और बहू गंभीर रूप से घायल हैं।
प्राप्त समाचार के अनुसार, जबलपुर से 45 किमी दूर नुनसर के जरोंद गांव में बुधवार को सास-बहू के झगड़े में जमकर हथियार चले। दोनों ने एक-दूसरे का गला काटा। इसमें बेटा भी चपेट में आ गया। दिल दहला देने वाली इस वारदात में सास की मौत हो गई, जबकि बेटा और बहू गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
विधवा थी वृद्धा, बेटा-बहू रहते थे संग
विधवा मोंगा बाई विश्वकर्मा (75) के साथ उनका बेटा राजेंद्र उर्फ गुड्डा (35) और बहू रेखा उर्फ अर्चना (32) रहते हैं। उनके दो बेटे 10 वर्षीय कार्तिक व ढाई वर्ष का बेटा मुन्ना हैं। बुधवार सुबह दोनों बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे। घर में मोंगा बाई, बेटा राजेंद्र व बहू अर्चना थे। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि सुबह करीब 10.15 बजे सबसे पहले बहू रेखा चीखते हुए घर से बाहर निकली। उसका गला कटा था और खून बह रहा था। वह चीखते हुए बोल रही थी कि मेरे पति ने नहीं, मैंने मार दिया।
बेटा भी खून से सना बाहर निकला
जब तक ग्रामीण कुछ समझ पाते, बेटा राजेंद्र भी कटे हुए गले के साथ बाहर निकला। वह खून से लथपथ था। बाहर आकर बेहोश हो गया। पड़ोसी घर के अंदर पहुंचे, तो मोंगाबाई का भी गला कटा हुआ था। तीनों को एम्बुलेंस से पाटन अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सकों ने मोंगाबाई को मृत घोषित कर दिया। वहीं, राजेंद्र और उसकी पत्नी रेखा को मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया।
सास-बहू में होती थी तकरार
घटना के बारे में पड़ोसियों को भी पूरा सच नहीं मालूम। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि सास मोंगाबाई और बहू रेखा में अक्सर तकरार होती थी। घर में आए दिन कलह होती थी। पुलिस दो एंगल पर जांच कर रही है। घर में पुलिस को धारदार हंसिया मिला है। उसकी मुठिया पर खून लगा हुआ है, लेकिन धार पर निशान नहीं मिला है।
बयान के आधार पर ही चलेगा पता
ASP शिवेश सिंह बघेल ने बताया कि सूचना पर मैं घटनास्थल पर गया था। सास-बहू व बेटे का गला कटा मिला है। किसने किसका गला काटा, ये स्पष्ट नहीं हो पाया है। मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया गया है।