राजधानी लखनऊ में मवैया से मानकनगर स्टेशन के बीच बने रेलवे के यार्ड के पास आरपीएफ के दारोगा पूरन सिंह नेगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बुधवार सुबह झाड़ियों के बीच उनका खून से लथपथ शव मिला। गोली बायीं ओर सीने पर लगी थी। पुलिस ने मौके से सर्विस पिस्टल, नौ कारतूस और पर्स बरामद की है। वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले थे। परिवार दिल्ली बदरपुर में रह रहा था।
इंस्पेक्टर आलमबाग के अनुसार पूरन यहाँ आलमबाग के सरदारी खेड़ा में किराए के मकान में रहते थे। पत्नी और दो बच्चे दिल्ली में रहते हैं। चारबाग में उनकी तैनाती थी। सोमवार को शाम सात बजे से रात 10 बजे की ड्यूटी करने के लिए गए थे। उसके बाद मंगलवार सुबह 10 बजे से उनकी फिर ड्यूटी थी। ड्यूटी पर न पहुंचने पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनके फोन किया तो रिंग जा रही थी पर फोन रिसीव नहीं हुआ।
विभागीय अधिकारी और कर्मचारी लगातार फोन करते रहें पर कुछ पता न चल सका। इसके बाद विभाग ने ही उच्चाधिकारियों को सूचना दी। आरपीएफ के कर्मचारियों ने ही सर्विलांस की मदद से लोकेशन ट्रेस की। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। लोकेशन के आधार पर ट्रेस करके पुलिस यार्ड के पास पहुंची तो वहां झाड़ियों में खून से लथपथ शव पड़ा था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इंस्पेक्टर आलमबाग ने बताया कि पूरन के बायीं ओर साइन में गोली लगी है। उसके अलावा उनके शरीर पर कहीं कोई चोट खरोंच नहीं है। जिससे इसकी पुष्टि हो सके कि उनका किसी से संघर्ष हुआ है। परिवारीजनों को सूचना दे दी गई है। वह जो भी तहरीर देंगे और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।