आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया है कि जब से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों से मिलकर आए हैं, उन्हें दिल्ली पुलिस ने घर में ही नजरबंद कर दिया है। मुख्यमंत्री सोमवार को किसानों से मिलने गए थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने आज ‘सबूत’ के तौर पर एक ट्वीट कर ‘आप’ के इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री कल शाम को भी बाहर गए थे और उनके आवास में आने-जाने पर कोई बंदिश नहीं है।
‘आप’ के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री को घर में नजरबंद कर दिया है। किसी को न तो घर से निकलने की इजाजत दी जा रही है और न ही बाहर से किसी को घर में जाने दिया जा रहा। हमारे विधायकों को पीटा गया है। घर के बाहर पुलिस ने जबर्दस्त बैरिकेडिंग कर रखी है। यहां तक कि घर में काम करने वालों लोगों को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमलोग सभी सीएम आवास की तरफ मार्च करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि मुख्यमंत्री को रिलीज किया जाए।
‘आप’ ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम के तीनों मेयर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के मुख्य गेट के बाहर धरने पे बैठा दिया है और इसका बहाना बनाकर पुलिस ने मुख्यमंत्री के घर के बाहर बैरिकेडिंग कर दी है। इसके चलते ना केजरीवाल से कोई मिलने आ सकता है और ना वह कहीं बाहर जा सकते हैं। पार्टी का आरोप है कि आज भारत बंद के चलते गृह मंत्रालय के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने ये किया है।भारत बंद के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में नजरबंद किए जाने के दावे पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर सतीश गोलचा ने सामने आकर कहा कि ऐसा दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के आने-जाने पर प्रतिबंध है। ये बातें एकदम बेबुनियाद हैं। शांति बनाए रखने और अप्रिय घटना को रोकने के लिए क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम हैं। दिल्ली पुलिस केवल शांति भंग की आशंका के मामले में हस्तक्षेप करेगी, किसी भी नेता या व्यक्ति को रोकने का प्रयास नहीं किया जाएगा।