कोरोना के भयंकर समय के दौरान जहां परिवार के लोग और रिश्ते-नातेदार एक दूसरे से दूरियां बनाकर दूर भाग रहे हैं। ऐसे में कोरोना से संक्रमित लोगों की पहचान करने और उनका उपचार करने का बीड़ा अपने कंधों पर कोरोना योद्धाओं ने अर्थात स्वास्थ्य कर्मियों ने उठाया है। आज उन्हीं कोरोना योद्धाओं अर्थात स्वास्थ्य कर्मियों के विरोध को कुचलने के लिए मध्यप्रदेश सरकार के तहत आने वाली मध्यप्रदेश पुलिस ने उन पर जमकर लाठियां बरसाई।
पूरा मामला मध्यप्रदेश प्रदेश की राजनीतिक राजधानी भोपाल का है। दरअसल जब कोरोना वायरस ने पैर पसारना शुरू किए थे और विकराल रूप ले रहा था। तब सरकार को स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को देखते हुए उनकी संख्या बढ़ाने की चिंता महसूस हुई। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार ने कई स्वास्थ्यकर्मीयों को संविदा पर भर्ती किया था। जिनकी संख्या 6000 से भी ज्यादा थी। इनका कार्यकाल पहले तीन 3 माह ही था जिसे अगले 9 माह तक बढ़ाया गया।
अब इन स्वास्थ्य कर्मियों को निकाला जा रहा है, जिसका विरोध यह धरना देकर कर रहे थे। स्वास्थ्य कर्मियों की यह मांग है कि इन्हें संविदा से स्थाई किया जाए। गुरुवार, 3 दिसंबर को भोपाल के नीलम पार्क में धरना प्रदर्शन करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने की मांग की। प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठियां बजाई।
प्रदर्शन कर रहे संगठन के अध्यक्ष जितेंद्र कुशवाहा के अनुसार जब राज्य सरकार को हमारी जरूरत थी तो हमें काम पर रख लिया और जब हमारी जरूरत पूरी हो गई तो हमें बेरोजगार करने पर अड़े हैं।
कांग्रेस के नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि जहां पूरा विश्व कोरोना योद्धाओं का सम्मान कर रहा है, वहीं राज्य की बीजेपी सरकार इन पर लाठियां बरसा रही है।