मध्य प्रदेश के इंदौर-भोपाल हाईवे स्थित चाचरसी जोड़ के पास सड़क किनारे खड़े एक दूध के टैंकर से कार जा टकराई। हादसे में पति-पत्नी की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बेटी ने अस्पताल पहुंचकर दम तोड़ दिया। छोटी बेटी को भी गंभीर चोटें आई हैं, जिसे प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रैफर कर दिया गया।
प्राप्त समाचार के अनुसार, भोपाल के कटारा हिल्स निवासी मनीष कपूर पुत्र हीरानंद कपूर (45), पत्नी भाविया कपूर (42) अपनी बेटी लवली का ग्वालियर के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करवाकर बुधवार को वापस लौट आए थे। रात में भोपाल रुकने के बाद गुरुवार को वे बच्चों को अपनी ससुराल छोड़ने इंदौर जा रहे थे।
उनके साथ उनकी छोटी बेटी सिया भी थी। कोरोना संक्रमण के चलते क्लासें नहीं लगने के कारण लवली भी उनके साथ वापस लौट आई थी। भोपाल से इंदौर जाते समय दोपहर करीब 2.15 बजे इंदौर-भोपाल रोड स्थित चाचरसी जोड़ पर उनकी कार अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े एक दूध के टैंकर में पीछे से जा घुसी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया।
टक्कर की आवाज सुनकर पहुंचे ग्रामीणों ने कार से बाहर निकाला
दोनों वाहनों के टकराने की आवाज सुनकर पैट्रोल पंप के कर्मचारी और ग्रामीणों ने पहुंचकर कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला और पार्वती थाना पर सूचना दी, लेकिन तब तक मनीष और उनकी पत्नी भाविया की मौत हो चुकी थी। दोनों बेटियों को आष्टा के सिविल अस्पताल लाया गया, जहां बड़ी बेटी ने भी दम तोड़ दिया। छोटी बेटी सिया को गंभीर चोटें आने पर इंदौर रेफर कर दिया। घटना के बाद टैंकर चालक फरार हो गया।
दीदी और जीजा दोनों बेटियों को छोड़ने के लिए आ रहे थे
मृतक मनीष के इंदौर निवासी साले विनोद कुमार गुलानी ने बताया कि हमारी बात हुई थी कि हम इंदौर से डोडी तक आ जाते हैं। आप सिया और लवली को डोडी हाईवे ट्रीट तक छोड़ जाएं। इसलिए दीदी और जीजाजी अपनी दोनों बेटियों को छोड़ने के लिए हाईवे ट्रीट डोडी तक आ रहे थे, लेकिन जब हम सोनकच्छ तक पहुंचे तो हमें सूचना मिली कि हादसा हो गया है।
पुणे की कंपनी में काम करते थे मनीष, इंदौर में है ससुराल
मनीष भोपाल स्थित कटारा हिल्स के रहने वाले थे, लेकिन वे पुणे में रहकर टीसीएस अमेरिका की कंपनी में कार्यरत थे। इंदौर में उनकी ससुराल थी, इसलिए वे बेटी का एडमिशन कराने के बाद रात में भोपाल रुककर इंदौर अपनी ससुराल में बच्चों को छोड़ने जा रहे थे। बेटियों की जिद थी कि उन्हें मामा के यहां जाना है, जबकि मनीष को भोपाल में ही काम था।
एंबुलेंस के लिए आधे घंटे तक करते रहे इंतजार
सिविल अस्पताल से गंभीर घायल सिया कपूर को प्राथमिक उचार के बाद सीहोर रैफर कर दिया गया। जबकि सिया के मामा विनोद का कहना था कि वह सिया को इंदौर ले जाना चाहते हैं। नियमानुसार इंदौर तक 108 एंबुलेंस नहीं जा सकती है, इसलिए एंबुलेंस के इंतजार में घायल को आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा। उसके बाद प्राइवेट एंबुलेंस से उसे इंदौर भेजा गया।