बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। शुक्रवार को उन्होंने ऐलान किया कि पांच दिसम्बर को महागठबंधन के नेता इन कानूनों के विरोध में गांधी मैदान में गांधी मूर्ति के नीचे धरने पर बैठेंगे।
पटना स्थित राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने ये ऐलान किया। तेजस्वी ने कहा कि सरकार अब किसानों से बातचीत कर रही है। जबकि यह बातचीत कृषि कानून लाने से पहले की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी समस्या आई हुई है लेकिन प्रधानमंत्री गायब हैं। क्या प्रधानमंत्री को किसानों से बात नहीं करनी चाहिए?
उन्होंने लगाया कि एनडीए सरकार बनने के बाद से देश के सभी क्षेत्रों निजीकरण की बयार बह रही है। उन्होंने लोगों से नए कृषि कानूनों के खिलाफ सड़क पर उतरने का आह्वान किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक के किसानों का आय दोगुना हो जाएगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य को समाप्त कर देने के बाद किसानों की आय दोगुनी कैसे होगी?
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सरकार कृषि सेक्टर को भी निजी हाथों में सौंपना चाहती है। कहा कि केंद्र सरकार का कृषि कानून किसान विरोधी है। देश में किसान की बुरी हालत है। वे अपना कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि कल सारे देश ने देखा कि किसानों ने विज्ञान भवन में न तो सरकार का पानी पिया ना ही खाना खाया। राष्ट्रीय जनता दल देश के किसानों के साथ है। कृषि कानूनों का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।