दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की न्यायिक हिरासत की अवधि अदालत ने 14 दिन बढ़ा दी है। साथ ही अदालत ने हिरासत बढ़ाने की पुलिस की मांग का विरोध करने के लिए खालिद को मौका देने से इंकार कर दिया। खालिद को दिल्ली पुलिस ने हिंसा की साजिश में सक्रिय भूमिका निभाने के आरोप में आतंकवाद निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया था।
अदालत ने कहा कि न्यायिक हिरासत बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार है। अदालत ने खालिद की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें उसने पुलिस की ओर से न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग का विरोध किया था। पीठ ने कहा कि जमानत याचिका दाखिल करने पर आरोपी का पक्ष सुना जाएगा। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने कहा कि यदि आरोपी को लगता है कि न्यायिक हिरासत की जरूरत नहीं है तो उसे जमानत की याचिका दाखिल करनी चाहिएदिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस ने सितंबर में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत खालिद को गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस ने 1 अक्तूबर को खजूरीखास इलाके में कथित हिंसा मामले में भी उसे गिरफ्तार किया।