बसपा प्रमुख मायावती को लव जिहादियों की चिंता है, लेकिन दलितों के उन परिवार वालों की परवाह नहीं है, जो इसके शिकार रहे हैं। यही वजह है कि मायावती ने लव जिहाद कानून का विरोध किया है। मायावती ने कभी भी लव जिहाद के मुद्दे पर कार्रवाई की मांग नहीं की है। उन्हें अपने दलित समाज की परवाह नहीं है। ये बातें अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने कही है।
सोमवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि मायावती को क्या यह जानकारी है कि लव जिहाद की ज्यादा शिकार आर्थिक रुप से कमजोर और दलित जातियां ही होती हैं। क्या इन जातियों को सम्मान से जीवन जीने का हक नहीं है। मायावती को यह तय करना चाहिए कि वह लव जिहादियों के साथ हैं या हाशिए के समाज के साथ। डॉ. निर्मल ने यह भी कहा है कि लव जिहाद ने सबसे अधिक दलित और अति पिछड़ी जातियों को नुकसान पहुंचाया है।
सोमवार को बसपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर पार्टी की मंशा को जाहिर किया। मायावती ने ट्वीट किया कि लव जिहाद को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आपाधापी में लाया गया धर्म परिवर्तन अध्यादेश अनेक आशंकाओं से भरा है जबकि देश में कहीं भी जबरन व छल से धर्मांतरण को ना तो खास मान्यता और ना ही स्वीकार्यता है। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में कई कानून पहले से ही प्रभावी हैं। सरकार इस पर पुनर्विचार करे, बसपा की यह मांग है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध एक्ट, 2020 को मंजूरी दे दी है जिसमें जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराए जाने और शादी करने पर 10 वर्ष की कैद और विभिन्न श्रेणी में 50 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध एक्ट, 2020 की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी गई।