महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा विपक्ष को बदले की राजनीति से दूर रहने की चेतावनी देने के बाद, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे को धमकी न देने की सलाह दी है। फडणवीस ने कहा कि इन सबके बजाय सरकार शासन पर ध्यान दे कि राज्य में कोविद-19 को कैसे हराया जाए। उन्होंने कहा कि यह भगवान की कृपा है कि कोरोना की दूसरी लहर अभी तक महाराष्ट्र में नहीं पहुंची है।
फडणवीस ने अमृता फडणवीस और शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी के बीच हालिया ट्विटर लड़ाई का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “हमने कभी व्यक्तिगत हमले नहीं किए। अगर हम व्यक्तिगत हमलों के बारे में बात कर रहे हैं, तो शिवसेना के नेताओं ने मेरी पत्नी पर हमला किया है, लेकिन मैंने इस पर कभी कोई बवाल नहीं किया है।”
पत्रकार अर्नब गोस्वामी और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ सरकार के पतन के बारे में बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि हम अर्नब गोस्वामी और कंगना रनौत के विचारों की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं, लेकिन हम सरकार के खिलाफ बोलने वालों को दबाने के रवैय्ये के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अर्नब गोस्वामी के मामले में सुप्रीम कोर्ट और कंगना रनौत के मामले में हाईकोर्ट का फैसला हमने देखा है। जिस प्रकार से लोकतंत्र को समाप्त करके इनको टारगेट किया गया, इसका समर्थन नहीं किया जा सकता। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।
दरअसल हाल ही में शिवसेना के मुखपत्र सामना ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का एक साक्षात्कार प्रकाशित किया, जहां उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को विपक्ष द्वारा निशाना बनाया गया है। महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार की वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी को खुलेआम चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि मैं संयमी हूं, नामर्द नहीं और इस तरह से हमारे परिजनों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए हमला जारी रहा तो हम एक का बदला दस से लेंगे। उन्होंने कहा कि उस रास्ते पर चलने की हमारी इच्छा नहीं है, पर हमें मजबूर मत करो।
गौरतलब है कि सुशांत सिंह की मौत के प्रकरण में उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के मंत्री आदित्य ठाकरे पर निशाना साधा गया था। इसके अलावा, इसी सप्ताह ईडी ने शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के ठिकानों पर रेड मारी थी। साफ है कि शिवसेना प्रमुख इन घटनाक्रमों को लेकर काफी नाराज हैं। शिवसेना को लगता है कि ये कार्रवाइयां महाराष्ट्र की सरकार को अस्थिर करने के लिए की जा रही हैं।
उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ से इंटरव्यू में कहा कि ईडी आदि का दुरुपयोग करके दबाव बनाओगे तो यह मत भूलो कि तुम्हारे भी परिवार और बच्चे हैं। उद्धव ने कहा कि हममें संस्कार है, इसलिए संयम बरत रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “मैं शांत हूं, संयमी हूं लेकिन नामर्द नहीं हूं। जिस प्रकार से हमारे लोगों के परिजनों पर हमले शुरू हैं, ये तरीका महाराष्ट्र का नहीं है। बिल्कुल नहीं है। यहां एक संस्कृति है। हिंदुत्ववादी मतलब एक संस्कृति है। अगर हम पर हावी होने की कोशिश करने वाले हमारे परिवार या बच्चों पर आना चाहते हैं, तो याद रखें उन लोगों के भी परिवार और बच्चे हैं और आप भी धुले चावल नहीं हो। तुम्हारी खिचड़ी कैसे पकानी है, वो हम पका सकते हैं।