भारत और नेपाल के बीच सुधरते रिश्ते को देख हाल के दिनों में चीन की बेचैनी बढ़ रही है। ऐसे में चीन नेपाल को अपने पाले में बनाए रखने के लिए लगातार कोशिश कर रहा है। इसी बीच चीन के स्टेट काउंसलर और रक्षा मंत्री वेई फेंगे रविवार को एक दिवसीय दौरे पर नेपाल जा रहे हैं। यह जानकारी नेपाल के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को दी। वेई की यह यात्रा हाल फिलहाल में उच्च स्तरीय मानी जा रही है। इससे पहले पिछले साल सितंबर में चीनी राष्ट्रपति शी.जिनपिंग दो दिवसीय दौरे पर नेपाल आए थे।
नेपाल के प्रधानमंत्री और सेना प्रमुख से करेंगे मुलाकात
अपने इस दौरे पर काठमांडू में वेई नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, जो रक्षा मंत्री भी है, उनसे मुलाकात करेंगे। मंत्रालय के अनुसार, इसके अलावा यात्रा समाप्त होने से पहले वेई नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से भेंट करेंगे और नेपाल सेना के प्रमुख जनरल पूरन चंद्र थापा से भी मिलेंगे।
भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की नेपाल की दो दिवसीय यात्रा के समाप्त होने के कुछ दिनों बाद ही नेपाल के उत्तरी पड़ोसी चीन के द्वारा यह उच्च स्तरीय यात्रा संपन्न की जा रही है। श्रृंगला शुक्रवार दोपहर ही नेपाल से वापस लौटे हैं। श्रृंगला की यात्रा से पहले, भारतीय सेना और भारत की विदेशी जासूस एजेंसी के प्रमुख भी काठमांडू पहुंचे थे।
चीनी सैन्य सहायता से संबंधित बातचीत की है उम्मीद
चीन की ओर से यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी आंतरिक विवाद में घिरी हुई है। नेपाल सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल संतोष बल्लव पौडयाल ने कहा कि चीनी रक्षा मंत्री वेई, नेपाल सेना मुख्यालय में लगभग दो घंटे बिताएंगे, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर मिलेगा। इसके बाद सेना प्रमुख जनरल पूरन चंद्र थापा के साथ उनकी बैठक होगी। पौडयाल ने बताया कि यह बैठक द्विपक्षीय सहयोग पर केंद्रित होगी।
पिछले साल चीन के उपप्रधान मंत्री और तत्कालीन रक्षा मंत्री ईशोर पोखरेल की यात्रा के दौरान, नेपाल और चीन ने 150 मिलियन आरएमबी चीनी सैन्य सहायता के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। वेई की इस यात्रा के दौरान उसी तरह के एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है। पौडयाल ने बताया कि चीनी सैन्य सहायता को फिर से शुरू करने पर भी बैठक के दौरान चर्चा होगी।
चीनी राजदूत होउ यानिकी ने हाल ही में सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष ओली और पुष्पा कमल दहल के साथ बैठक की। जुलाई में भी जब सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी संकट में थी, तो विभाजन होते देख चीनी राजदूत ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी।
हालांकि, ना तो नेपाल की ओर से और ना चीनी की ओर से ही वेई की इस यात्रा के एजेंडे को सार्वजनिक किया गया है।