अपने भाषण के जरिए धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मामले में फरार चल रहे भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को हाईकोर्ट से राहत मिली है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आरिफ मसूद की अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। आपको बता दे कि मध्य प्रदेश पुलिस विधायक की गिरफ्तारी के लिए लगातार उनके घर, कॉलेज और कार्यालय समेत अन्य जगहों पर दबिश दे रही थी। पुलिस को बिहार चुनाव प्रचार से वापसी के बाद विधायक की आखिरी लोकेशन दिल्ली में मिली थी। विधायक का मोबाइल स्विच ऑफ बता रहा है लेकिन वे सोशल मीडिया पर ऑनलाइन थे।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को आईपीसी के सेक्शन 153 ए और कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर सेक्शन 438 के तहत आरोपी बनाया गया था। 25 नवंबर को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने विधायक की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। आरिफ़ मसूद की ओर से दलील दी गई थी कि 29 अक्टूबर को हुए प्रदर्शन में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए जो सरकार की यह प्रायोजित कार्यवाही थी।
सरेंडर करने की अफवाहों के चलते दिनभर कोर्ट में पुलिस रही तैनात
गुरुवार को मसूद द्वारा कोर्ट में सरेंडर करने की अफवाहों के चलते दिनभर पुलिस कोर्ट में सक्रिय रही। मसूद की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीम ने शाहजहांनाबाद में पुराना गल्ला बाजार स्थित घर, खानूगांव स्थित कॉलेज, अंकुर स्कूल के सामने, हबीबगंज स्थित कार्यालय समेत 8 स्थानों पर दबिश दी।
मसूद के ठिकानों पर पुलिस द्वारा 11 नवंबर से लगातार दबिश दी जा रही है। तलैया पुलिस ने मसूद समेत 7 लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला दर्ज किया है। गौरतलब है कि मसूद ने 29 अक्टूबर को इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति का पुतला और झंडा जलाया था और भड़काओं भाषण दिया था।
ऐसे हुई मसूद के खिलाफ कार्रवाई
– 27 अक्टूबर को जिला प्रशासन ने इकबाल मैदान पर प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। 28 अक्टूबर को मसूद द्वारा सोशल मीडिया पर आह्वान किया गया कि 29 अक्टूबर को दोपहर 2 से 4 बजे के बीच इकबाल मैदान पर होने वाले प्रदर्शन में शामिल हों।
– 29 अक्टूबर को इकबाल मैदान पर दोपहर 12 बजे से मसूद समर्थक जुटने लगे। दोपहर 3:30 बजे मसूद पहुंचे और भाषण दिया। 29 अक्टूबर को तलैया पुलिस ने मसूद समेत 2000 लोगों पर केस दर्ज किया।
– 31 अक्टूबर को मसूद समेत 50 आरोपियों को गिरफ्तार कर जुर्माना किया। 02 नवंबर को मसूद बिहार चुनाव प्रचार के लिए रवाना हुए।
– 04 नवंबर को पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की। तभी से मसूद फरार हैं।