जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ समय से गुपकार गठबंधन को लेकर काफी सियासी हलचल है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को बड़ा झटका लगा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को उसके तीन नेताओं ने एक साथ अलविदा कह दिया है। पीडीपी नेता धमन भसीन, फलैल सिंह और प्रीतम कोटवाल ने पार्टी से इस्तीफा दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, धमन भसीन, फेलैल सिंह और प्रीतम कोतवाल ने पार्टी से इस्तीफा देते वक्त एक पत्र भी लिखा, जिसमें कहा गया है- रहस्यमयी, सांप्रदायिक तत्वों ने पार्टी को हाइजैक कर लिया है। ऐसे में हमारे पास पार्टी को छोड़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है।
इस पत्र में संयुक्त रूप से कहा गया है- हमने अपना राजनीतिक भविष्य दांव पर लगाते हुए पीडीपी की स्थापना के पहले दिन भ्रष्ट और वंशवादी नेशनल कॉन्फ्रेंस का अल्टरनेटिव सेक्युलर विकल्प देने उद्देश्य से पार्टी ज्वाइन किया। दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद का भी यह विजन था। मगर मुफ्ती साहब के एजेंडे को त्याग दिया गया और पीडीपी नेशनल कॉन्फ्रेंस की बी टीम बन गई है।
इससे पहले 15 नवंबर को पीडीपी के संस्थापक सदस्य मुजफ्फर हुसैन बेग ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में सीट बंटवारे में असहमति को लेकर इस्तीफा दिया था। पार्टी सूत्रों ने कहा कि बेग ने पीडीपी संरक्षक महबूबा मुफ्ती को पार्टी छोड़ने के फैसले के बारे में बता दिया है।
वह 1998 में पीडीपी की स्थापना के वक्त से पार्टी से जुड़े हुए थे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि वह पीपुल्स एलांयस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) द्वारा सीट बंटवारे, खासकर उत्तर कश्मीर में सीट बंटवारे को लेकर नाराज हैं।