भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 27 नवंबर से तीन मैचों की वनडे इंटरनैशनल सीरीज खेली जानी है। इसके बाद तीन मैचों की टी20 इंटरनैशनल सीरीज खेली जानी है और फिर चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सीरीज खेली जाएगी। ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज स्टीव स्मिथ टीम इंडिया के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। स्मिथ ने सीरीज से पहले ही भारतीय गेंदबाजों को चेतावनी दे दी है कि वह फॉर्म में वापसी कर चुके हैं। इस बीच मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भारतीय तेज गेंदबाजों को स्मिथ को आउट करने के लिए एक खास सलाह दी है।
तेंदुलकर का कहना है कि स्मिथ की गैरपारंपरिक तकनीक के कारण भारतीय गेंदबाजों को उन्हें थोड़ी बाहर गेंदबाजी करनी होगी। उन्होंने भारतीय तेज गेंदबाजों को सलाह दी कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आने वाली सीरीज के दौरान इस बल्लेबाज को ‘पांचवीं स्टंप’ की लाइन पर गेंदबाजी करें। बॉल टैम्परिंग मामले में एक साल के बैन के चलते स्मिथ 2018-19 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा नहीं थे। तेंदुलकर ने कहा, ‘स्मिथ की तकनीक गैरपारंपरिक है, सामान्य तौर पर टेस्ट मैचों में हम गेंदबाज को ऑफ स्टंप या चौथे स्टंप की लाइन के आस-पास गेंदबाजी करने के लिए कहते हैं, लेकिन स्मिथ मूव करता है इसलिए शायद गेंद की लाइन चार से पांच इंच और आगे होनी चाहिए।’
‘ऐसे किया जा सकता है स्मिथ को आउट’
उन्होंने कहा, ‘स्टीव के बल्ले का किनारा लगे इसके लिए चौथे और पांचवें स्टंप के बीच की लाइन पर गेंदबाजी करने का लक्ष्य बनाना चाहिए। यह कुछ और नहीं बल्कि लाइन में मानसिक रूप से बदलाव करना है।’ तेंदुलकर ने कहा, ‘मैंने देखा है कि स्मिथ ने कहा है कि वह शॉर्ट पिच गेंदबाजी के लिए तैयार हैं, शायद वह उम्मीद कर रहे हैं कि गेंदबाज शुरुआत से ही उसके खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाएंगे। लेकिन मुझे लगता है कि ऑफ स्टंप के बाहर की तरफ उसकी परीक्षा ली जानी चाहिए। उसे बैकफुट पर रखिए और शुरुआत में ही गलती करवाएं।’
अंदर की ओर स्विंग होती गेंद क्या अधिक प्रभावी नहीं होगी इस बारे में पूछने पर तेंदुलकर ने कहा, ‘इसके लिए यह देखना होगा कि गेंद कितनी स्विंग कर रही है। ये सभी चीजें मायने रखती हैं। आप लार का इस्तेमाल नहीं कर सकते इसलिए अगर विकेट अधिक जीवंत है तो यह अलग मामला है। इंग्लैंड में टेस्ट मैचों के दौरान कभी-कभी ड्यूक गेंद काफी स्विंग नहीं करती।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि वे विकेट पर अधिक घास छोड़ेंगे या नहीं जिससे कि गेंद अधिक मूव करे। अगर गेंद स्विंग नहीं करती है तो शायद आपको स्विंग होती यॉर्कर देखने को भी नहीं मिले।’
जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव की मौजूदगी में भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण प्रभावी है लेकिन तेंदुलकर चाहते हैं टीम मैनेजमेंट एक डिफेंसिव गेंदबाज की भी पहचान करे। उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैंने हमेशा से कहा है, हमारे पास भारत के सर्वकालिक बेस्ट और बैलेंस्ड गेंदबाजी आक्रमण में से एक है। टेस्ट मैच जीतने के लिए आखिरकार आपको 20 विकेट हासिल करने होते हैं। लेकिन 20 विकेट हासिल करने के लिए काफी रन भी नहीं लुटाने चाहिए।’ तेंदुलकर ने कहा, ‘आक्रामक गेंदबाजों के साथ हमें ऐसे गेंदबाज की भी पहचान करनी होगी जो प्रतिकूल पिचों पर एक छोर से रन नहीं बनने दे, लगातार मेडन ओवर फेंककर दबाव बनाए।’ एडिलेड में 17 दिसंबर से शुरू हो रही टेस्ट सीरीज के पहले गुलाबी टेस्ट के बारे में तेंदुलकर का मानना है कि अगर पारी घोषित की जाती है तो उसका समय बड़ी भूमिका निभाएगा।
मैच में रणनीति को लेकर कुछ ऐसा बोले तेंदुलकर
तेंदुलकर ने कहा, ‘शायद समय में बदलाव के कारण आपको दिन के पहले सेशन में तेजी से रन बनाने होंगे जो दोपहर में होगा और जब पिच सपाट होती है। सूरज ढलने के समय गुलाबी गेंद सीम करना शुरू करती है और यह गेंदबाजी का आदर्श समय है।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए पारी की रन गति और पारी घोषित करने का समय काफी अहम है। मान लीजिए आपने ठीक-ठाक स्कोर बना लिया है और सूरज ढलने के समय आपके आठ विकेट गिर चुके हैं तो अतिरिक्त 20 रन बनाने की कोशिश करने की जगह आपको पारी घोषित कर देनी चाहिए।’ तेंदुलकर कहा कि पिच के गीला होने की तुलना में पिच के ठंडा होने के समय विकेट हासिल करना आसान होगा। उन्होंने कहा, ‘टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों को उस समय आउट करो जब पिच पर उगी घास ठंडी हो लेकिन गीली नहीं। अगर घास ठंडी होगी तो गेंद सीम करेगी लेकिन अगर गीली होगी तो गेंद सीधी जाएगी और सतह पर फिसलेगी।’
‘मयंक का खेलना तय लग रहा है’
सलामी बल्लेबाजी के बारे में पूछने पर तेंदुलकर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मयंक अग्रवाल का खेलना तय है। उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि मयंक का खेलना तय है क्योंकि वह बड़ी पारियां खेल रहा है और अगर रोहित फिट और उपलब्ध होता है तो उसे उतरना चाहिए।’ तेंदुलकर ने कहा, ‘अन्य खिलाड़ियों (पृथ्वी शॉ, लोकेश राहुल) के बीच, यह मैनेजमेंट का फैसला होगा क्योंकि उन्हें पता है कि कौन सा खिलाड़ी फॉर्म में है।’ तेंदुलकर ने कहा कि इस समय ऑस्ट्रेलिया का बैटिंग ऑर्डर बेहतर लग रहा है। उन्होंने कहा, ‘स्मिथ, (डेविड) वॉर्नर और (मार्नस) लाबुशेन अहम होंगे और मुझे यकीन है कि जहां तक तैयारी का सवाल है तो भारतीय टीम कोई कमी नहीं छोड़ेगी।’
‘भारत के पास ट्रॉफी बरकरार रखने का अच्छा मौका’
भारत के बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखने की अच्छी संभावना जताते हुए तेंदुलकर ने कहा, ‘दो सीनियर खिलाड़ियों की टीम में वापसी और लाबुशेन की मौजूदगी से बैटिंग ऑर्डर काफी बेहतर हुआ है। यह अधिक प्रतिस्पर्धी सीरीज होगी और मुझे यकीन है कि भारत इसके लिए तैयार है।’ तेंदुलकर ने सहमति जताई कि तीन टेस्ट मैचों में विराट कोहली के नहीं खेलने से अंतर पैदा होगा, लेकिन यह अन्य खिलाड़ियों को मौका देगा। विराट पहले टेस्ट मैच के बाद पैटरनिटी लीव पर स्वदेश लौट जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि विराट के नहीं होने से बड़ा अंतर पैदा होगा लेकिन साथ ही हमारे पास जिस तरह की बेंच स्ट्रेंथ और प्रतिभा उपलब्ध है उसे देखते हुए यह किसी अन्य के पास खुद को स्थापित करने का अच्छा मौका होगा।’ तेंदुलकर ने कहा कि टेस्ट मैचों में चेतेश्वर पुजारा की मौजूदगी बेहद महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा, ‘मैं चेतेश्वर पुजारा का नाम विराट के साथ रखूंगा। ये दोनों खिलाड़ी सबसे अधिक समय तक साथ खेले हैं। अजिंक्य रहाणे भी है लेकिन प्लेइंग इलेवन में उसे लगातार उतने मौके नहीं मिले जितने पुजारा और विराट को मिले।