यूपी के सिंचाई विभाग का जेई रामभवन पोर्नोग्राफी के धंधे में बुरी तरह धंसा था। यौन शोषण मामले में सीबीआई के शिकंजे में फंसे जेई की कोई संतान नहीं है लेकिन वह घर पर बच्चों के लिए अलग मोबाइल रखता था। जेई के घर के आसपास रहने वाले बच्चों ने इसकी पुष्टि की है। एक बच्चे ने कहा कि मैं अक्सर जेई के घर जाकर थोड़ी देर यू-ट्यूब चलाता था। माना जा रहा है कि बच्चों को जाल में फंसाने के लिए जेई मोबाइल फोन का सहारा लेता रहा है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को उसके पास मौजूद मोबाइल, पेन ड्राइव और लैपटॉप से 66 चाइल्ड पोर्न वीडियो और 600 फोटो मिले हैं। यह 50 बच्चों के हैं, जिनकी उम्र 5 से 15 साल के बीच की है। सूत्रों का यह भी कहना है कि बच्चे उसके नौकरों, करीबियों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के हो सकते हैं।
कर्वी, चित्रकूट के सिंचाई विभाग में तैनात जेई रामभवन को 50 बच्चों के यौन शोषण में सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। एसडीएम आवास के निकट कालोनी में किराए के घर में रहता था। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि वह कई मोबाइल रखता था। सीबीआई ने उससे आठ फोन बरामद किए हैं। बुधवार को मोहल्ले के एक बच्चे ने बताया कि वह जेई के कमरे में अक्सर जाता था। जेई अच्छा आदमी है। उसे खेलने को अपना फोन देता था। वह एक घंटे फोन में यूट्यूब चलाता था। गेम भी खेलता था। इसके बाद अपने घर चला आता था। बच्चे ने यह भी कहा कि खेलने वाला फोन जेई का पर्सनल फोन नहीं था। वह बच्चों के लिए अलग मोबाइल रखता था।
सरलता के पीछे छिपा हैवानियत भरा चेहरा
जेई रामभवन की करतूतें उसकी सरलता के अभिनय के पीछे छिपी थीं। उसके घर-दफ्तर में लोगों से बात करने पर हर किसी ने कहा कि कभी उसके बारे में ऐसी कोई सूचना नहीं मिली। कभी संदेह तक नहीं हुआ। वह इतनी विनम्रता के साथ लोगों से मिलता था कि ऐसे घिनौने कृत्य के बारे में सोचा ही नहीं जा सकता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद कार्यालय व आवासीय कालोनी में सन्नाटा छाया हुआ है। कर्मचारी इस मामले को लेकर आपस में कानाफूसी कर रहे हैं, लेकिन किसी बाहरी से इस संबंध में कोई चर्चा करने से कतरा रहे है। सीबीआई के सामने पेश होने वाले जिम्मेदार अधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
पिछले एक पखवारे से जेई रामभवन सीबीआई की हिरासत में है। सीबीआई टीम ने उसे विभागीय परिसर से दो नवंबर को उठाया था। तभी से विभागीय अधिकारी व कर्मचारी आपस में तरह-तरह के कयास लगा रहे थे। सीबीआई ने मंगलवार को जेई की गिरफ्तारी के साथ ही यौन शोषण मामले का खुलासा किया तो विभागीय अमले में हड़कंप मचा। बुधवार को कार्यालय खुला तो ज्यादातर अधिकारी व कर्मचारी मुख्यालय आए मुख्य अभियंता के साथ निरीक्षण में चले गए। शेष कार्यालय में मौजूद कर्मचारी जेई के कारनामों को लेकर चर्चाओं में मशगूल थे। हालांकि कालोनी के कुछ लोगों ने कहा कि रामभवन समाज से अलग-थलग रहता था। उधर मुख्य अभियंता आरपी सिंह के निर्देश पर जेई के काम की जिम्मेदारी अवर अभियंता सर्वजीत कुमार को सौंपी दी गई।
सरकारी आवास की कभी नहीं की मांग
जेई रामभवन ने अपनी तैनाती के दौरान कभी विभागीय कालोनी में सरकारी आवास की मांग नहीं की। वह शुरू से ही कालोनी से हटकर किराए का मकान लेकर रह रहा है। सहायक अभियंता का कहना है कि ज्यादातर विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों ने कालोनी में ही सरकारी आवास ले रखा है, लेकिन जेई ने कभी सरकारी आवास के लिए आवेदन नहीं किया। माना जा रहा है कि विभागीय परिसर में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था है, इसलिए जेई कभी कॉलोनी में नहीं रहा।
मुआवजा वितरण में की मनमानी
जेई राम भवन ने रसिन बांध परियोजना में किसानों को मुआवजा दिलाने में भी जमकर मनमानी की। इस परियोजना का काम उसके पास ही था। बांध व माइनरों के लिए किसानों की जमीनें अधिगृहीत की गई थी। जिनका मुआवजा देने के लिए सरकार ने पैसा उपलब्ध कराया था। जेई ने किसानों को मुआवजा देने में मनमानी की। कुछ शिकायतें भी किसानों ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से की थीं, लेकिन बाद में मामला दब गया।