बलात्कार के एक आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उस समय अदालत हतप्रभ रह गई, जब यह जानकारी साझा की गई कि आरोपी के खिलाफ 12 मामले और लंबित हैं। जबकि एक मामले में वह दोषी करार दिया जा चुका है। उससे भी ज्यादा अचम्भा अदालत ने इस बात पर जताया कि इस मामले के जांच अधिकारी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं था। यहां तक की जांच अधिकारी ने इस तरह की कोई जानकारी होने तक से इनकार किया।
रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार मिश्रा की अदालत ने पुलिस की इस जांच प्रक्रिया पर बेहद रोष जाहिर किया। अदालत ने संबंधित थाने के थानाध्यक्ष व सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को निर्देश दिए हैं कि वह अपने मातहत के इस कृत्य पर निजीतौर पर पेश हो जवाब दें। अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 11 नवंबर तय की है। साथ ही दोनों आला अधिकारियों को कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में हरहाल में पेश हों और जवाब दें कि वह अपने मातहत कार्यरत कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर किस तरह ध्यान रखते हैं।
अदालत ने यह भी कहा कि किसी भी मातहत के इस तरह के कृत्य की जिम्मेदारी उसके वरिष्ठ अधिकारी पर ही बनती है। क्योंकि पद व्यवस्था इसी लिए लागू की गई है कि एक अधिकारी के कार्य पर ऊपर दूसरा वरिष्ठ अधिकारी नजर रखे। अदालत ने कहा कि बलात्कार का यह मुकदमा इस जानकारी के सामने आने से और गंभीर हो गया है। जांच अधिकारी आरोपी के अपराध के रिकॉर्ड तक कैसे नहीं पहुंच पाया।
शिकायतकर्ता ने खुद की जांच और पेश किया कच्चा-चिठ्ठा
दरअसल इस मामले में बलात्कार पीड़िता और उसके वकील ने खुद आरोपी के खिलाफ लंबित मुकदमों व सजा प्राप्त मामले की जानकारी जुटाई और आरोपी की जमानत याचिका का विरोध करने अदालत पहुंच गई। पीड़िता ने अदालत के समक्ष आरोपी का कच्चा-चिठ्ठा पेश किया। इसमें बाकायदा प्रत्येक मुकदमे की प्राथमिकी नम्बर व सजा प्राप्त मामले का ब्यौरा शामिल था। वीडियो कान्फेंसिंग से पेश हुई पीड़िता ने यह भी बताया कि जिस मुकदमे में आरोपी को सजा मिल चुकी है वह भी बलात्कार का ही था और वह उसमें दोषी पाया गया था। पीड़िता ने अदालत को बताया कि उसके द्वारा दर्ज मुकदमे के अलावा आरोपी पर 12 अन्य मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं।
बधंक बनाने व बलात्कार का मुकदमा कराया है दर्ज
इस मामले में पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ जंहागीर पुरी थाने जबरन बंधक बनाने, बलात्कार व जान से मारने की धमकी देने संबंधी मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी पिछले कई महीने से इस मामले में जेल में बंद है। आरोपी ने जहां इस मामले में जमानत की मांग की है। वहीं पीड़िता ने अदालत को बताया है कि आदतन इस तरह के अपराध को अंजाम देने का आदी है। पीड़िता का कहना है कि आरोपी की प्रवृति समाज के लिए खतरा है। उसे सलाखों के पीछे रखा जाना ही समाज व जनहित में है।