रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने रविवार को महाराष्ट्र पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा है कि उन्हें उनके वकील से बात नहीं करने दिया जा रहा था और टॉर्चर किया जा रहा है। रिपब्लिक टीवी द्वारा जारी किए गए वीडियो में अर्नब गोस्वामी मीडिया से बात करते हुए दिख रहे हैं। अर्नब मीडिया से उस समय बात कर रहे थे, उन्हें रविवार सुबह अलीबाग से नवी मुंबई की तलोबा जेल में शिफ्ट किया जा रहा था।
47 वर्षीय अर्नब गोस्वामी ने हाथ जोड़कर मीडिया से कहा, ”मैंने उनसे कई बार निवदेन किया कि मुझे बात करने दी जाए (मेरे वकीलों से), लेकिन उन्होंने मना कर दिया। मैं सभी को बता रहा हूं कि मेरी जान को खतरा है। मेरी पुलिस कस्टडी खारिज कर दी गई थी। ये मुझे रात में ही शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे थे। आज सुबह मुझे घसीटा गया। सभी देख रहे हैं कि मेरे साथ क्या हो रहा है। वे प्रक्रिया में देरी करना चाहते हैं, जिससे मुझे जेल में रखा जा सके। कृपया, मुझे जमानत दी जाए। मैं सुप्रीम कोर्ट से अपील कर रहा हूं।”
गोस्वामी को 4 नवंबर को उनके लोवर परेल घर से इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक की आत्महत्या के मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने अपने सुसाइड नोट में गोस्वामी और दो अन्य को उनकी और उनकी मां की आत्महत्या के लिए दोषी ठहराया था। 4 नवंबर को उन्हें पहले अलीबाग स्थित प्राइमेरी स्कूल में रखा गया था, जिसके बाद आज सुबह गोस्वामी को तलोजा जेल में शिफ्ट कर दिया गया। तलोबा जेल के एसपी कौस्तुभ कुरलेकर ने कहा, ”बैरक में शिफ्ट करने से पहले उन्हें कुछ दिनों तक जेल के अंदर बनी क्वारंटाइन सेंटर में रखा जाएगा।”
अर्नब की जमानत याचिका पर सोमवार को फैसला
बॉम्बे हाई कोर्ट आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों द्वारा दायर अंतरिम जमानत याचिका पर सोमवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे तथा न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने शनिवार को याचिकाओं पर दिनभर चली सुनवाई के बाद तत्काल कोई राहत दिए बिना फैसला सुरक्षित रख लिया था। गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों फिरोज शेख तथा नीतीश सारदा ने अपनी ‘अवैध गिरफ्तारी’ को चुनौती देते हुए अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने की अपील की थी।