कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा युवा और बुजुर्गों पर कहर बरपाया है। सबसे ज्यादा मौतें बुजुर्गों की हुई हैं। कुल मौत में करीब 60 प्रतिशत बुजुर्ग हैं। वहीं वायरस ने 21 से 40 साल की उम्र के लोगों को शिकार बनाया। चिंता में डालने वाली रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग की है। स्वास्थ्य विभाग दूसरी लहर के कहर से इन वर्गों को बचाने का खाका तैयार कर रहा है।
अब तक 64,483 लोग वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इलाज के दौरान 908 मरीजों की सांसें थम गईं। 60321 मरीजों ने वायरस से जंग जीती है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 60 से अधिक उम्र के बुजुर्गों को वायरस ने भले ही शिकार कम बनाया। पर, जो चपेट में आए उनको बेहाल कर दिया। मार्च से अब तक वायरस ने 6,986 बुजुर्गों को चपेट में लिया। इनमें 451 की मौत हो गई।
अधिकारियों का कहना है कि उम्र की वजह से बुजुर्गों में रोगों से लड़ने की ताकत कम हो जाती है। ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, गुर्दा, दिल समेत दूसरी बीमारियां भी घेर लेती हैं। ऐसे लोग आसानी से कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। हालत भी गंभीर हो जाती है। 21 से 40 साल के युवा घर से ज्यादा बाहर निकल रहे हैं। इस वजह से उनके संक्रमित होने की संख्या अधिक है।
दूसरे जिलों की हैं 30 मौतें
लखनऊ के अस्पतालों में प्रदेश भर के कोरोना मरीज भर्ती हो रहे हैं। काफी मरीज इलाज के दौरान दम भी दोड़ चुके हैं। सीएमओ डॉ. संजय भटनागर के मुताबिक करीब 30 मौते ऐसी हैं जो दूसरे जिलों की हैं। जो यहां जुड़ गई हैं। इन मृतकों के नाम लखनऊ के खातों से हटवाने के लिए अधिकारियों से पत्रचार किया जा चुका है।
-10 साल से छोटे पांच बच्चे दम तोड़ चुके हैं। 2566 बच्चे वायरस की चपेट में आ चुके हैं
-11 से 20 वर्ष के सात बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। 5115 बच्चे पॉजिटिव पाए गए।
-21 से 40 साल के 109 मरीजों की सांसें थमी। जबकि 29914 लोग वायरस की गिरफ्त में आए।
-41 से 60 साल के 336 मरीजों की मौत हुई। 20079 वायरस के शिकार बनें।