हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में करवाए गए दूसरे चरण के सिरो सर्वे में 14.8 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गईं। इसमें जिला फरीदाबाद के शहरी क्षेत्र सबसे ज्यादा 40.2 प्रतिशत एंटीबाडी मिले हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना की वर्तमान मृत्यु दर 1.06 प्रतिशत को न्यनूतम स्तर तक ले जाने के लिए डॉक्टरों को और कड़ी मेहनत करने का आह्वान किया गया है। इसके साथ ही कोरोना के पूरे इतिहास पर शोध करने के भी निर्देश दिए हैं।
14477 लोगों के नमूने एकत्र किए
स्वास्थ्य मंत्री ने सोमवार को यह जानकारी कोविड-19 की तीव्रता जांच के लिए करवाए गए दूसरे चरण के सिरो सर्वे की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए दी । इस दौरान विभाग द्वारा तैयार की गई कोविड-19 सिरो सर्वे राउंड-2 नामक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। दूसरे चरण का सर्वे के लिए 19-20 अक्टूबर को राज्य के सभी जिलों के करीब 14477 लोगों के नमूने एकत्र किए गए थे। इनमें करीब 14.8 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी तैयार होने की पुष्टि हुई है। इससे पहले अगस्त माह के दौरान पहला सर्वे करवाया गया था, जिसमें करीब 8 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी बनी थी, जोकि इस बार बढ़कर 14.8 प्रतिशत हुई है।
शहरी क्षेत्र में 19.9 फीसदी संक्रमित
विज ने कहा कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रोंं में 11.4 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्रों में 19.8 प्रतिशत एंटीबॉडी पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि शहरी सीरो सर्वे की रिपोर्ट में फरीदाबाद में 40.2 प्रतिशत, यमुनानगर में 37.1 प्रतिशत तथा पानीपत में 36.3 प्रतिशत रहा है। इसी प्रकार अधिकतम सिरो-पॉजिटिव जिलों में फरीदाबाद 31.2 प्रतिशत, यमुनानगर में 28.6 प्रतिशत तथा जीन्द में 26.6 प्रतिशत एंटीबॉडी पाई गई हैं। इसके साथ ही 10 प्रतिशत से नीचे सिरो पॉजिटिव पाए गए जिलों में हिसार 9.7 प्रतिशत, महेन्द्रगढ़ 8.6 प्रतिशत, चरखीदादरी 7.7 प्रतिशत, सिरसा 7.5 प्रतिशत, पलवल 5.5 प्रतिशत और भिवानी में 3.1 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के डॉक्टरों ने कोरोना को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके फलस्वरूप प्रदेश में रिकवरी दर 91.46 प्रतिशत है तथा मृत्यु दर 1.06 प्रतिशत रही है।
पोस्ट कोविड मरीजों के लिए टीम का गठन
विज ने पीजीआई रोहतक में पोस्ट कोविड मरीजों के लिए टीम का गठन करने को कहा ताकि कोरोना ठीक होने बाद लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानियों से निजात दिलवाई जा सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना वायरस पर सघन स्टडी भी करें ताकि भावी पीढ़ियां इससे लाभ उठा सकें। इसमें विभिन्न मौसम व समय के दौरान कोरोना के प्रभाव पर जानकारी भी जुटाने को कहा है, जिनमें आइसोलेशन सेंटर, आईसीयू, कोविड केयर सेंटर तथा वेंटिलेटर, मास्क इत्यादि की जरूरतों तथा परिस्थितियों बारे में भी अध्ययन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरक्ति मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि यह सिरो सर्वे हरियाणा में कोविड-19 की रोकथाम के प्रभावी उपाय करने के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि सिरो सर्वे में व्यक्तियों के समूह का परीक्षण किया जाता है जिससे उनमें बीमारी के एंटीबॉडी विकसित होने की जानकारी प्राप्त होती है। रिपोर्ट में ग्रामीण जनसंख्या से ज्यादा शहरी जनसंख्या प्रभावित हुई है। सरकार द्वारा सक्रंमण को रोकने के लिए किए गए उपाय जैसे लॉकडाउन, कारगर टेस्ट रणनीति, रोकथाम और सर्वेक्षण के उपाय जैसे कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और सपंर्कों की पहचान प्रभावशाली रही हैं।
हर जिले में गठित की थी टीम
स्वास्थ्य विभाग में निदेशक डॉ. उषा गुप्ता ने कहा कि राज्य के सभी 22 जिलों में सर्वे टीमों का गठन किया गया था, हर जिले में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से कुल 720 सैंपल लिए गए थे। हर जिले से कुल 16 क्लस्टर बनाए गए। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की महानिदेशक अमनीत पी कुमार, आयुष विभाग के निदेशक अतुल द्विवेदी, स्वास्थ्य विभाग महानिदेशक डॉ. एस.बी. कम्बोज, निदेशक वी.के. बंसल सहित अनेक वरष्ठि अधिकारी मौजूद थे।
गुरुग्राम जिले के 16.5 फीसदी लोगों में मिले एंटीबॉडी
हरियाणा सरकार की ओर से सोमवार शाम को जारी की गई दूसरे चरण की सिरो सर्वे रिपोर्ट के अनुसार गुरुग्राम जिले के 16.5 फीसदी लोगों में कोरोना से लड़ने वाले एंटीबॉडी मिले हैं। जिले के शहरी क्षेत्र से लिए गए नमूनों में से 25.9 फीसदी में व ग्रामीण क्षेत्र से लिए गए नमूनों में से 10.1 फीसदी में एंटीबॉडी पाए गए हैं। संक्रमण से प्रभावित सर्वाधिक लोग इस बार भी फरीदाबाद के ही मिले हैं।
ये सर्वे 19 व 20 अक्टूबर को हुआ था, जबकि अगस्त में हुए पहले चरण के सिरो सर्वे में प्रदेशभर में 8.1 फीसदी लोगों में एंडीबॉडी पाए गए थे। पहले सर्वे में गुरुग्राम में 10.8 फीसदी व फरीदाबाद में 25.8 फीसदी नमूनों में संक्रमण से लड़ने के एंटीबॉडी मिले थे।