दिल्ली सरकार ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया किया कि उसने संबंधित अधिकारियों और विभाग को निर्देश दिया है कि वे होम आइसोलेशन में रह रहे किसी भी COVID-19 मरीज के घर के बाहर पोस्टर न लगाएं और साथ ही जिन मरीजों के घर के बाहर जो पोस्टर पहले से लगाए गए हैं, उन्हें भी तत्काल हटा दिया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त स्थायी वकील एडवोकेट सत्यकाम ने कहा कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों को COVID-19 पॉजिटिव मरीजों के नाम रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) या किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ साझा करने के कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं।
दिल्ली सरकार का पक्ष जानने के बाद, जस्टिस हेमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने उस जनहित याचिका (पीआईएल) का निपटारा कर दिया, जिसमें कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्तियों के घरों के बाहर पोस्टर चिपकाने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने की मांग की गई थी।
इससे पहले, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता कुश कालरा द्वारा वकील कुश शर्मा के माध्यम से दायर याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका में दिल्ली सरकार से अपने अधिकारियों, कर्मचारियों, एजेंटों, प्रतिनिधियों को दिशानिर्देश जारी करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी ताकि कोविड-19 पॉजिटिव लोगों के नामों को किसी व्यक्ति विशेषकर आरडब्ल्यूए, वॉट्सऐप ग्रुप्स आदि में शेयर करने से रोका जा सके।
जनहित याचिका में कहा गया था कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के घरों के बाहर पोस्टर चिपकाना सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित निजता के मौलिक अधिकार का गंभीर उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया था कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्तियों के नाम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा खुलेआम आरडब्ल्यूए को दिए जा रहे हैं, जिन्हें आरडब्ल्यूए वॉट्सऐप ग्रुप्स पर भी फैलाया जा रहा है।