गुर्जर विरोध के मद्देनजर सोमवार को शाम 5 बजे से 24 घंटे के लिए कोटपूतली, पटवा, शाहपुरा, विराटनगर, जमवा रामगढ़, माधोराजपुरा, दूदू, और मोज़ामाबाद में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं। गुर्जर समुदाय के लोगों ने सोमवार को ‘सबसे पिछड़े वर्ग’ (एमबीसी) समुदाय के रूप में नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर अपना विरोध जारी रखा।
गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं आंदोलन जारी रहेगा। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बैंसला ने कहा, “जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। सरकार को हमारी मांगों को जल्द से जल्द स्वीकार करना चाहिए।”
बैंसला ने कहा कि समुदाय एकजुट है और जो लोग कह रहे थे कि इसे दो गुटों में विभाजित किया गया है वे गलत हैं। उन्होंने कहा, “इस आंदोलन के माध्यम से, यह स्पष्ट है कि हमारा समुदाय विभाजित नहीं है और जो लोग कह रहे थे कि यह समुदाय दो गुटों में विभाजित है, गलत है। मैं अपने समुदाय को एक संदेश देना चाहता हूं कि हमें अपने अधिकारों के लिए मिलकर लड़ना चाहिए।”
राजस्थान सरकार ने 26 अक्टूबर, 2018 को एक विधेयक पारित किया जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे को 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत कर दिया गया। दिसंबर 2018 में, राजस्थान सरकार ने गुर्जर और चार अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के लिए एक प्रतिशत आरक्षण को भी मंजूरी दी।
इन समुदायों को ओबीसी आरक्षण के अलावा सबसे पिछड़े वर्ग के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की कानूनी सीमा के तहत एक प्रतिशत अलग से आरक्षण मिल रहा है।