राजधानी में इस बार अक्टूबर में ही ठंड ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही बिना दिवाली ही इस साल अक्टूबर के महीने दिल्ली की हवा भी अधिक खराब हुई है। आलम यह है कि पिछले तीन सालों के मुकाबले इस साल अक्टूबर के महीने में दिल्ली में अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2020 के अक्टूबर महीने में दिल्ली की वायु गुणवत्ता 10 दिन बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। यह स्थिति तब है, जब इस साल दिवाली का त्योहार अक्टूबर के बजाय नवंबर महीने में होना है। वर्ष 2019 में अक्टूबर के महीने में चार दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई थी।
हालांकि, वर्ष 2019 में अक्टूबर के महीने में ही दिवाली का त्योहार था, इस वजह से तीन दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही थी। इन सभी दिनों को मिलाकर भी वर्ष 2019 के अक्टूबर महीने में सात दिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता बेहद खराब और गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई थी। वर्ष 2018 के अक्टूबर महीने में दिल्ली की वायु गुणवत्ता नौ दिन बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई थी।
सीपीसीबी की वायु गुणवत्ता मांपने के पैमाने के मुताबिक वायु गुणवत्ता के 50 से 99 तक के सूचकांक को संतोषजनक, 100 से 199 तक के सूचकांक को मध्यम, 200 से 299 तक के सूचकांक को खराब, 300 से 399 के बीच तक के सूचकांक को बेहद खराब और 400 से अधिक के सूचकांक को गंभीर की श्रेणी में रखा जाता है।
पराली की हिस्सेदारी 40 फीसदी हुई
दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी अपने सीजन के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। पृथ्वी विज्ञान विभाग के संस्थान सफर के मुताबिक दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाने की घटना के बाद दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी रविवार को 40 फीसदी तक दर्ज की गई है। यह इस मौसम में सबसे ज्यादा है। यह शनिवार को 32 प्रतिशत, शुक्रवार को 19 फीसदी और गुरुवार को 36 प्रतिशत थी। सफर के अनुसार, शनिवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पराली जलाने की 3216 घटनाएं देखी गईं।
कल के बाद बिगड़ सकते हैं हालात
प्रदूषण में पराली की अधिक हिस्सेदारी के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को 364 अंक पर दर्ज की गई। शनिवार को यह 367 अंक थी। सफर के मुताबिक मौजूदा समय में हवा की गति बेहतर स्थिति में है। इस वजह से प्रदूषण के स्तर में और गिरावट की संभावना थी, लेकिन ठंड भरी रात में प्रदूषण के कण वायुमंडल में फंसने के कारण ज्यादा गिरावट नहीं है। अभी दो दिन हवा की गति बेहतर स्थिति में रहने की अनुमान है। मंगलवार के बाद वायु गुणवत्ता और बिगड़ने की संभावना है।