उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में एक पटाखे के फटने से नौ साल के एक लड़के की मौत हो गई। लड़के ने पटाखे को स्टील के गिलास से ढंक दिया था। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मृतक बच्चे की पहचान दूसरी क्लास के छात्र प्रिंस के रूप में हुई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लड़के ने एक पटाखा लिया और उसमें आग लगाने के बाद उस पर स्टील का गिलास रख दिया। जब पटाखा फट गया, तो स्टील के गिलास का एक हिस्सा उसके शरीर में धंस गया और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने कहा कि इस मामले की चल रही है।
अस्थायी तौर पर आउटर-नॉर्थ जिले का चार्ज संभाल रहे डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया में है। मीणा ने कहा, “बच्चे की मौत बुधवार को हुई, लेकिन किसी ने भी पुलिस को फोन नहीं किया। उसके परिवार द्वारा लड़के को अस्पताल लाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मीणा ने कहा कि पुलिस को शुक्रवार को मौत के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला।
मृत बच्चे की पहचान प्रिंस के रूप में हुई है। वह अपने माता-पिता के साथ अलीपुर के ओम विहार कॉलोनी में रहता था। उसके पिता एक मजदूर हैं और मां एक खेत में काम करती है।
प्रिंस की मां बबीता देवी ने कहा कि बुधवार शाम को जब उनके बेटे और उसके दोस्तों ने एक स्थानीय दुकान से पटाखे खरीदे वह और उनके पति काम पर गए हुए थे। उसने कहा कि उसके घर में कोई पुराने पटाखे जमा नहीं थे।
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि बच्चों ने पटाखे को रामलीला स्थल से उठाया था। लड़के के परिवार ने आरोप लगाया कि इस तरह के पटाखे पड़ोस में छोटी दुकानों पर अवैध रूप से बेचे जा रहे हैं।
पिछले साल की तरह इस बार भी केवल लाइसेंस प्राप्त दुकानों को ही पटाखे बेचने बेचने की अनुमति है। गुरुवार तक दिल्ली पुलिस द्वारा ऐसे केवल 138 लाइसेंस जारी किए गए थे। आउटर-नॉर्थ पुलिस जिले में जहां यह हादसा हुआ था, ऐसी केवल पांच दुकानों को लाइसेंस दिया गया है। लाइसेंस प्राप्त दुकानदार सोमवार से बिक्री शुरू कर सकते हैं।
दिवाली की रात पटाखों से होने वाला प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर में चिंता का एक बड़ा कारण है, त्योहार के बाद हर साल हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक गिरती है। इस साल दिवाली 14 नवंबर को मनाई जाएगी।