बीते दिनों इस्लाम पर विवादित टिप्पणी को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का दुनियाभर के इस्लामिक देशों में विरोध हो रहा है। मैक्रों पर पैगंबर मोहम्मद के आक्रामक कार्टूनों का समर्थन करने और जान बूझकर मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया जा रहा है। पेरिस में एक शिक्षक की हत्या के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ओर से की गई विवादित टिप्पणी को लेकर मुस्लिम देशों के बीच फ्रांस के खिलाफ माहौल बनता जा रहा है। अब मैक्रों के खिलाफ इसी विरोध का फायदा कई लोग उठा रहे हैं और अपना एजेंडा पोषण कर रहे हैं। मैक्रों का बिना नाम लिए ही विवादित इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक ने भड़काऊ और विवादित बयान दिया है और कहा कि अल्लाह के बंदे को गाली देने वालों को दर्दनाक सजा मिलेगी। अपने फेसबुक पोस्ट में जाकिर नाइक ने लिखा, ‘अल्लाह के दूत को गाली देने वालों को एक दर्दनाक सजा मिलेगी।’ जिस तरह से मैक्रों के खिलाफ मुस्लिम देश लामबंद हो रहे हैं, जाकिर नाइक के पोस्ट को भी उसी के संदर्भ में देखा जा रहा है। क्योंकि इस्लाम को लेकर अभी मैक्रों ने ही टिप्पणी की है। जाकिर नाइक इससे पहले भी कई बार विवादित बयान दे चुका है। कुछ दिन पहले ही जाकिर नाइक ने भारतीयों के खिलाफ जहर उगला था और कहा था कि पैगंबर मोहम्मद की आलोचना करने वाले भारत के गैर मुस्लिमों को मुस्लिम देशों को जेल में डाल देना चाहिए। उसने कहा कि पैगंबर की अलोचना करने वाले ज्यादातर लोग बीजेपी के भक्त हैं।
जाकिर नाइक ने कहा था कि अगली बार जब ये गैर मुस्लिम लोग खाड़ी देशों में मसलन कुवैत, सऊदी अरब या इंडोनेशिया में आएं तो उनकी जांच की जानी चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि इन्होंने कभी और कहीं पैगंबर या इस्लमा के बारे में अपमानजनक टिप्पणी तो नहीं की है। अगर उन्होंने ऐसा किया है तो उन्हें जेल में डाल देने चाहिए। इसके अलावा, जाकिर ने फ्रांस के सामानों का बहिष्कार करने का भी आह्वान किया था। बता दें कि जाकिर नाइक अभी मलेशिया में ही है।
ठीक इसी तरह का विवादित बयान मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री महातिर ने भी दिया है। फ्रांस के नीस आतंकी हमले का एक तरह से समर्थन करते हुए महातिर बिन मोहम्मद ने कहा कि मुस्लिमों को लाखों फ्रांसिसी नागरिकों को मारने का हक है। सीधे तौर पर नीस हमले का जिक्र किए बगैर महातिर ने गुरुवार को ‘दूसरों का सम्मान कीजिए’ नाम से लिखे अपने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि मुस्लिमों को गुस्सा करना का अधिकार है और अतीत में किए गए नरसंहारों के लिए लाखों फ्रांसीसी नागरिकों को मारने का भी पूरा हक है।
गौरतलब है कि यह पूरा विवाद पेरिस के उपनगरीय इलाके में एक शिक्षक की हत्या के बाद शुरू हुआ, जिसने पैगंबर मोहम्मद के कार्टून अपने विद्यार्थियों को दिखाए। बाद में उसकी सिर काटकर हत्या कर दी गई। वहीं, गुरुवार की घटना में फ्रांस के नीस में एक गिरिजाघर में हमलावर द्वारा चाकू से किए गए हमले में तीन लोगों की मौत हो गई। नीस शहर में हुए इस हमले में जांच अधिकारियों ने बड़ा खुलासा किया है। हमलावर की पहचान ट्यूनीशिया के नागरिक के रूप में हुई है। हमलावर फ्रांस के चर्च में हाथ में कुरान की कॉपी और चाकू लेकर घुसा था और फिर उसने तीन लोगों की हत्या कर दी। यह पिछले दो महीनों में फ्रांस में इस तरह का तीसरा हमला है।