हाथरस के बूलगढ़ी में पीड़िता की भाभी को बुधवार को पुलिस इलाज के लिए सरकारी एम्बुलेंस से आगरा ले गई। वहां के निजी अस्पताल में कुछ महीने पहले उनका ऑपरेशन हुआ था। शाम को पुलिस पीड़िता की भाभी को वापस ले आई।
बुधवार को पीड़िता के भाई ने पुलिस सुरक्षा में लगे कर्मचारियों से कहा कि उसकी पत्नी का आगरा के सिकंदरारा स्थित निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। इसलिए वह अपनी पत्नी को वहां दिखाने के लिए लेकर जाना है। पुलिसकर्मियों ने पीड़िता के भाई की इस बात को आला अधिकारियों को अवगत कराया तो उन्होंने तुरन्त सहमति दे दी। इसलिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदपा से सरकारी एम्बुलेंस को बुलाया गया। घर से पीड़िता का भाई अपनी पत्नी को एम्बुलेंस में पुलिस की सुरक्षा में चंदपा कोतवाली पहुंचा। वहां से एक दरोगा और पुलिसकर्मी एम्बुलेंस से सीधे आगरा पहुंचे। डॉक्टर को दिखाने के बाद शाम को सभी घर लौट आये।
अब पुलिस को सीआरपीएफ के आने का इंतजार
अब सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को दी है। इसलिए अब सुरक्षा में लगे यूपी पुलिसकर्मी के कर्मचारी इस इंतजार में है कि जल्द ही अर्ध सैनिक बल आये और उन्हें कुछ राहत मिले। चंदपा के गांव बूलगढ़ी 22 सितम्बर से पुलिस बल तैनात है। लेकिन जैसे ही 29 सितम्बर को पीड़िता की मौत हुई तो एसपी ने पीड़ित पुख्ता सुरक्षा लगा दी। पूरे परिवार के साथ सुरक्षाकर्मी लगा दिये गये हैं। घर के बाहर और गांव में चारों तरफ पुलिस बल तैनात है। पीएसी की डेढ़ कंपनी अलग से मुस्तैद है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा सीआरपीएफ से कराने के लिए कहा है। बुधवार को पीड़ित परिवार की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी यही इंतजार करते रहे कि जल्दी से सीआरपीएफ आये और उन्हें गांव में ड्यूटी से राहत मिले।