बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Elections 2020) के पहले चरण में राज्य के 16 जिलों के 71 विधानसभा क्षेत्रों में कोरोना संकट के बीच भी जमकर वोट बरसे। कोरोना की चुनौतियों के बीच बड़ी संख्या में मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंचे। मतदान को लेकर उनके बीच जोश बना हुआ था। पहले चरण की 71 सीटों पर 54.01 फीसदी मतदान हुआ। कोरोना काल में हुए देश के इस पहले आम चुनाव में 2015 के विधानसभा आम चुनाव के करीब बराबर ही मतदान हुआ। 2015 में 54.75 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार, तुलनात्मक दृष्टि से 2010 में 49.89 फीसदी और 2005 (अक्टूबर) में 49.89 फीसदी से अधिक मतदान इन सीटों पर हुआ।
16 जिलों में सबसे अधिक मतदान बांका में हुआ। 59.57 प्रतिशत के साथ यहां पर रिकॉर्ड मतदान हुआ। वहीं सबसे कम मतदाता मुंगेर जिले में घरों से बाहर निकले। यहां पर मतदान का प्रतिशत 47.36 फीसदी रहा। अगर सभी 16 जिलो ंकी बात करें तो भागलपुर में 54.20 फीसदी, बांका में 59.57 फीसदी, मुंगेर में 47.36 फीसदी, लखीसराय में 55.44 फीसदी, शेखपुरा में 55.96 फीसदी, पटना में 51.51 फीसदी, भोजपुर में 48.29 फीसदी, बक्सर में 54.07 फीसदी, कैमूर में 56.20, रोहतास में 49.59 फीसदी, अरवल में 53.85 फीसदी, जहानाबाद में 53.93 फीसदी, औरंगाबाद में 52.85 फीसदी, गया में 57.05 फीसदी, नवादा में 52.34 फीसदी और जमुई में 57.41 फीसदी मतदान हुआ।
71 विधानसभा क्षेत्रों में थे 2 करोड़ से अधिक मतदाता
बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने बुधवार को पहले चरण के मतदान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पहला चरण इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि नक्सल प्रभावित अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में पहले चरण में चुनाव हुआ। कहा कि पहले चरण के मतदान को लेकर 31 हजार 371 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान केंद्र स्थलों की संख्या 16 हजार 730 थी। पहले चरण में 2 करोड़ 14 लाख 06 हजार 096 मतदाता थे, जिनमें 1 करोड़ 12 लाख 76 हजार 396 पुरुष, 1 करोड़ 01 लाख 29 हजार 101 महिला और 599 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल थे।
चुनाव के दौरान 159 को हिरासत में लिया गया
अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बताया कि मतदान के दौरान 159 व्यक्तियों को मतदान में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों के बाहर हुई छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
188 कंट्रोल यूनिट मतदान के दिन बदले गए
निर्वाचन विभाग के अनुसार पहले चरण के मतदान के लिए 38,026 कंट्रोल यूनिट, 51,201 बैलेट यूनिट तथा वीवीपैट का प्रयोग किया गया। इनमें मतदान के दिन तकनीकी खराबी के कारण 188 कंट्रोल यूनिट को बदला गया। जिसमें 111 कंट्रोल यूनिट, 90 बैलेट यूनिट तथा 215 वीवीपैट मॉक पोल के दौरान बदले गए। मॉक पोल के बाद 77 कंट्रोल यूनिट, 92, बैलेट यूनिट तथा 403 वीवीपैट बदले गए।
2400 बूथों से की गई लाइव वेबकॉस्टिंग
मतदान के दौरान करीब 2400 बूथों से लाइव वेबकॉस्टिंग की गई जिसके माध्यम से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और चुनाव आयोग सीधी नजर रखे हुए थे। चुनाव के दौरान 35 सामान्य प्रेक्षकों, 21 व्यय प्रेक्षकों, 11 पुलिस प्रेक्षकों, 2123 माइक्रो प्रेक्षकों की तैनाती की गयी थी। मतदान को लेकर 119 मॉडल मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदान केंद्र पर 1708 वीडियो कैमरे का भी उपयोग किया गया।