दसवीं ब्रिटेन-भारत आर्थिक एवं वित्तीय वार्ता (ईएफडी) के तहत कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए भारत और ब्रिटेन ने नई भागीदारी की है। कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों को देखते हुए ईएफडी का डिजिटल आयोजन किया गया। ईएफडी के तहत बुधवार को 80 लाख पाउंड के संयुक्त कोष की घोषणा की गई जिससे तहत दोनों देश मिलकर अनुसंधान करेंगे।
यूके रिसर्च एंड इनोवेशन (यूकेआरआई) तथा भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) ने कहा कि संयुक्त अनुसंधान में दोनों देशों में विभिन्न माहौल में रह रहे जातीय समूहों से जुड़े अध्ययन के मार्फत महामारी को समझने का प्रयास किया जाएगा।
बायोटेक्नोलॉजी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा, ”यह संयुक्त कार्यक्रम भारत-ब्रिटेन शोध भागीदारी पर आधारित है और भारत तथा ब्रिटेन में कोविड-19 संक्रमण की गंभीरता को सामूहिक रूप से समझने का अवसर है। डीबीटी और यूकेआरआई ने कहा कि 40 – 40 लाख पाउंड के वित्त पोषण से महामारी की शुरुआत से लेकर कोविड-19 के अनुसंधान में निवेश किया जाएगा।