बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के वोटिंग के दौरान पटना जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में हुए मतदान में तीन बूथों पर मतदान शून्य रहा। यहां के मतदाताओं ने सड़क नहीं बनने के विरोध में वोट का बहिष्कार किया। पालीगंज के बहेरिया निरखपुर बूथ संख्या 236 पर पोलिंग पार्टी सहित बीडीओ, सीओ का घेराव किया। धनरुआ, मसौढ़ी और पालीगंज में एक-एक बूथ के मतदाता प्रशासन के समझाने के बाद भी नहीं माने। यहां तक कि नोटा का बटन दबाने को भी तैयार नहीं हुए।
पालीगंज के बहेरिया निरखपुर में उग्र ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
बहेरिया निरखपुर बूथ संख्या 236 पर किया वोट बहिष्कार व हंगामा, पोलिंग पार्टी सहित बीडीओ, सीओ को बंधक बनाया। बहेरिया निरखपुर के मतदाताओं ने रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ वोट का बहिष्कार किया।
बूथ संख्या 236 पर दिन के 12 बजे तक सन्नाटा पसरा रहा। बहिष्कार की खबर सुन समझाने पहुंचे अधिकारियों को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। पोलिंग पार्टी व सहायक निर्वाची पदाधिकारी के समझाने पर एक महिला मतदाता ने वोट डाल दिया। इस बात की भनक लगते हुए ग्रामीण उग्र हो गए और हंगामा करते हुए पोलिंग पार्टी सहित बीडीओ व सीओ को मतदान केन्द्र पर बंधक बना लिया। सूचना मिलने पर दलबल के साथ पहुंचे एसडीओ और एसडीपीओ ने ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत कराया और बंधक बनी पोलिंग पार्टी व प्रखंड के अधिकारियों को मुक्त कराया। इस बावत पूछने पर अनुमंडल निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ ने बताया कि ग्रामीणों ने रोड के लिए वोट का बहिष्कार किया है। इनकी मांगों से जिला के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
मसौढ़ी के नूरा में नोटा दबाने को भी तैयार नहीं हुए मतदाता
मसौढ़ी प्रखंड के नूरा पंचायत के थलपुरा गांव के 737 ग्रामीण महिला पुरूष वोटरों ने रोड और पुल की मांग पूर्ति नहीं होने पर वोट बहिष्कार कर दिया। मताधिकार के प्रयोग करने के लिए राजद प्रत्याशी रेखा देवी के अलावा सेक्टर दंडाधिकारी समेत अन्य प्रशासनिक स्तर पर प्रयास किया गया। यहां तक प्रत्याशी पसंद नहीं होने पर बहिष्कार के बजाए नोटा बटन दबा कर गुस्से का इजहार की सलाह दी गई। मगर कोई भी वोटर अपना वोट देने के लिए तैयार नहीं हुए। नतीजतन बूथ सं 110 पर तैनात सुरक्षाकर्मी और मतदानकर्मी वोटर आने का इंतजार करते रहे। वहीं गुस्साएं वोटर गांव से सटे नदी तट पर विरोध प्रदर्शन कर वोट बहिष्कार अभियान की निगरानी करते रहे। थलपुरा गांव के नाराज वोटर मो सरफराज, श्यामनंदन समेत अन्य लोगों ने बताया कि आजादी के सात दशक बाद भी पिछड़ा अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक बहुल गांव में रोड तक नहीं बना। गांव से सटे दक्षिण मोरहर नदी में पुल नहीं होने से बरसात के चार माह घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। कई लोग नदी में डूबकर जान गवां चुके है। गर्भवती महिलाओं, वृद्धों को अस्पताल तक पहुंचाना परेशानी का सबव बना हुआ है। मगर आज तक जनप्रतिनिधि वादा कर सिर्फ वोट लिए। मगर बाद में कोई सुध नहीं ली। गुस्साएं वोटरों ने संकल्प जताया है कि जब तक गांव में रोड और पुल की मांग नहीं पूरी होगी, मतदान नहीं करेंगे।
धनरुआ के लरहा गांव में बूथ पर पसरा रहा सन्नाटा
रोड नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ मसौढ़ी विधानसभा क्षेत्र के धनरूआ प्रखंड स्थित लरहा गांव के बूथ-214 के ग्रामीणों ने अपने मत का विरोध किया। मतदान जैसे ही बुधवार की सुबह सात बजे शुरू हुआ, वैसे ही रोड नहीं तो वोट नहीं नारे के साथ ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार कर दिया। ग्रामीण शशि शर्मा, नवल शर्मा, मंटू कुमार, निरंजन पासवान, मोहम्मद असलम, दीनानाथ पासवान, अनंत कुमार सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी आज तक धनरुआ के लरहा गांव में जाने का रास्ता नहीं है। ग्रामीणों का कहना था कि आज से करीब एक माह पहले ही गांव के मेन रास्ते के पास रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगा दिया गया था। उसके बाद ना ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और नहीं प्रशासन के कोई भी नुमाइंदा अबतक इसकी कोई सुध लेने वाला नहीं पहुंचा। इधर बुधवार को जैसे ही ग्रामीणों द्वारा वोट बहिष्कार का जानकारी स्थानीय प्रशासन को हुआ, वैसे ही आनन फानन में दल बल के साथ धनरूआ वीडियो अजय कुमार सीओ ऋषि कुमार सहित कई आला अधिकारी मौके पर पहुंच ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करना चाहा, लेकिन ग्रामीण अधिकारियों को देखते ही नारेबाजी करने लगे। रोड नहीं तो वोट नहीं का बुलंद होता नारा से अधिकारी परेशान रहे। उनकी कोई भी बात ग्रामीण सुनने को तैयार नही थे।
लोदीपुर-चांदमारी रोड नहीं तो वोट नहीं
लोदीपुर-चांदमारी रास्ते को खोलवाने को संघर्षरत ग्रामीणों ने अब रोड नहीं तो वोट नहीं का घोषणा किया है। बुधवार को ग्रामीणों ने जागरूकता अभियान चलाया। बताया कि ब्रिटिश कालीन मार्ग जो पुरानी सर्वे रोड बैरक नंबर एक से लोदीपुर चांदमारी मार्ग को सेना ने जबरन 5-6 माह बंद कर रखा है। ग्रामीणों ने मार्ग खोलवाने को लेकर धरना प्रदर्शन किए और वरीय अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों से लेकर रक्षामंत्री से गुहार लगाई। बावजूद हमलोगों के गुहार की अनदेखी की गई। जिसको देखते हुए ग्रामीणों ने वोट नहीं देने का निर्णय लिया और इस संदर्भ में जगह-जगह बैनर लगाये गए हैं। ग्रामीणों में मालती देवी, पप्पू यादव, लखन लाल, सोनू कुमार, उषा देवी, ज्ञानती देवी आदि ने जनजागरण अभियान चलाया।