पंखा चलाने को लेकर हुए मामूली विवाद में अपने ही दोस्त की हत्या करने वाले दो युवकों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इन दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इन दोनों युवकों ने अपने दोस्त की हत्या कर उसके शव को सुनसान इलाके में झाड़ी में फेंक दिया था।
रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश किरण गुप्ता की अदालत ने आरोपी संतोष कुमार एवं सनोज राम को अपहरण, हत्या व सबूत मिटाने के जुर्म में दोषी करार दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जिस तरह युवाओं में छोटी-छोटी बातों को लेकर गुस्सा बढ़ रहा है, वह बहुत खतरनाक है। मामूली बात पर अपने दोस्त की हत्या जैसा निर्णय करना युवाओं की बदलती सोच की प्रवृति को दर्शाता है।
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अदालत ने यह भी कहा कि यह घटना बताती है कि इस तरह की वारदात को अंजाम देने वाले इन दोस्तों में कानून का भय भी नहीं था। उन्हें पता था कि उनके अन्य साथी जानते हैं कि मृतक 21 वर्षीय युवक को अपने साथ लेकर गए थे। इसके चश्मदीद गवाह भी हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने इतनी गंभीर घटना को अंजाम दिया। ये दोनों कड़ी सजा के ही हकदार हैं। अदालत ने इन युवकों की कम उम्र के बचाव पक्ष के हवाले को भी खारिज कर दिया।
पेश मामले में दोषियों ने अप्रैल 2014 में अपने ही दोस्त का पहले अपहरण किया और फिर उसे शराब पिलाकर उसकी हत्या कर दी। मृतक की पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे को खराब किया। इसके बाद उसके शव को झाड़ियों में फेंक दिया था। मृतक की गुमशुदगी की रिपोर्ट उसके पिता ने अशोक विहार थाने में दर्ज कराई थी। इस पूरे हत्याकांड का खुलासा दोषी व मृतक के चौथे साथी ने किया था। उसने बताया था कि आखिरी बार उसने मृतक को आरोपी संतोष व सनोज के साथ देखा था।