केंद्र सरकार ने दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए नये कानून को मंजूरी दे दी है। इसके तहत इपका को खत्म कर उसकी जगह एक नया कमीशन बनाया जाएगा। जो प्रदूषण कम करने के कानून का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। कमीशन को शक्तिशाली बनाया गया है। उसके आदेश का क्रियान्वयन न करने पर पांच साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
केंद्र सरकार द्वारा बुधवार देर रात जारी अध्यादेश कमीशन फार एयर क्वालिटी मैनेजमेंट इन नेशनल कैपिटल रीजन एंड एडजारनिग एरिया 2020 में भूरेलाल के नेतृत्व वाली अथारिटी इपका को खत्म कर नया कमीशन बनाने की बात कही गई है। कमीशन के तहत तीन सब कमेटियां होंगी जिनमें एक प्रदूषण के स्रोतों की निगरानी और पहचान करेगी। दूसरी रोकथाम के लिए कानून का क्रियान्वयन करेगी। तीसरी सब कमेटी शोध और विकास का कार्य करेगी। बता दें कि हाल में केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए नया कानून ला रही है।
दिल्ली के साथ झारखंड और उत्तर प्रदेश भी सर्वाधिक प्रदूषित राज्य
राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत सूचीबद्ध 23 राज्यों में दिल्ली, झारखंड और उत्तर प्रदेश सर्वाधिक प्रदूषित राज्यों में दर्ज किए गए हैं। कार्बन कापी और रेस्पायरर लिविंग की तरफ से किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। इस अध्ययन में 23 राज्यों में एनसीएपी में शामिल 122 शहरों में वायु निगरानी के तीन साल के आंकड़ों (2016-18) का इस्तेमाल किया गया है। जिसमें पीएम-10 की मात्रा को मुख्य आधार बनाया गया कार्बन कापी और रेस्पायरर लिविंग की बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में तीन सालों के दौरान पीएम-10 की मात्रा सबसे ज्यादा रही है। झारखंड और उत्तर प्रदेश क्रमश: दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे हैं। जबकि पीएम 2.5 की मात्रा के हिसाब से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार सबसे ज्यादा प्रदूषित राज्य पाए गए हैं।