मुहम्मदाबाद से स्वर्गीय कृष्णानंद राय की पत्नी और भाजपा विधायक अलका राय ने कांग्रेस और पंजाब सरकार पर मुख्तार अंसारी को बचाने का आरोप लगाया है। 27 अक्तूबर को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को लिखे पत्र में विधायक अलका राय ने मुख्तार मामले में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से खामोशी की वजह पूछी है। साथ ही पत्र का जबाव मांगते हुए अपराधियों पर कार्रवाई और सजा दिलाने में महिला होने के नाते मदद की अपील भी की है। महिला और विधवा की बात करते हुए मुख्तार के पेशी पर नहीं पहुंचने से इंसाफ मिलने से वंचित रहने को चिंताजनक बताया। प्रियंका गांधी वाड्रा को लिखा अलका राय का पत्र सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हो रहा है और उनके पुत्र ने इसे भेजे जाने की पुष्टि भी की है।
27 अक्तूबर की शाम भाजपा नेता और कृष्णानंद राय की पत्नी विधायक अलका राय ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को पत्र लिखा और मेल-पोस्ट के माध्यम से उन्हें भेजा। पत्र में पंजाब से कई मामलों में वांछित मुख्तार अंसारी के जेल से पेशी के लिए यूपी न भेजे जाने को लेकर आरोप लगाया गया है। आरोप यह भी लगाया गया है कि कुख्यात अपराधी काे पंजाब सरकार बचाने की कोशिश कर रही है। अलका राय ने बताया कि वे अपने पति की हत्या के लिए पिछले 14 वर्षाें से लगातार संघर्ष कर रही है और अपराधियों के खिलाफ खड़ी हैं। मुख्तार को बचाने का कांग्रेस का प्रयास न्याय की आस में खड़े सैकडों लोगों पर प्रहार की तरह है। पंजाब सरकार पर हर बार बहाना बनाने और मुख्तार को नहीं भेजने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर मुख्तार की पेशी नहीं होगी तो न्याय कैसे मिलेगा। बताते चलें कि मुख्तार अंसारी वर्तमान समय में पंजाब के रोपड़ जेल में निरुद्ध है और उनको उप्र लाने का प्रयास जारी है। पिछले दिनों 21 अक्तूबर को प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट में गाजीपुर के मामले में पेशी थी, जिसके लिए मुख्तार को लेने पुलिस और गाड़ियां पंजाब गई थी। पंजाब सरकार ने मुख्तार के लिए अलग से मेडिकल बोर्ड बनवाकर बीमारी का हवाला दिया और तीन महीने तक बेड रेस्ट की बात कही थी। सरकार ने बीमारी की हालत में मुख्तार को भेजने से इनकार कर दिया था। इसके बाद गाजीपुर से गए एक इंस्पेक्टर, एक दरोगा समेत 14 सिपाही बैरंग गाजीपुर लौट आए थे, हालांकि तब से फिर कोर्ट स्तर पर प्रयास जारी है।
विधायक अलका राय ने पत्र में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए यह लिखा::::
आदरणीय महोदया, सादर नमस्कार, मेरा नाम अलका राय है, मैं विधवा हूं और विगत 14 वर्षों से मैं अपने पति व लोकप्रिय विधायक रहे स्वर्गीय श्री कृष्णानंद राय की नृशंस हत्या के विरुद्ध इंसाफ की लड़ाई लड़ रही हूं। उस जुल्मी के खिलाफ जिसे आज आपके पार्टी और पंजाब राज्य में आप की सरकार खुला संरक्षण दे रही है। उत्तर प्रदेश की तमाम अदालतों से मुख्तार अंसारी को तलब किया जा रहा है, परंतु पंजाब सरकार उसे उत्तर प्रदेश भेजने को तैयार नहीं है। हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर मुझे और मुझ जैसे सैकड़ों लोगों को हिसाब से वंचित किया जा रहा है।
यह बेहद शर्मनाक है कि आप की राजनीतिक पार्टी और उसके नेतृत्व की सरकार इतनी निर्दयता के साथ मुख्तार अंसारी जैसे दुर्दांत अपराधी के साथ खुलकर खड़ी है। कोई भी यह स्वीकार नहीं करेगा कि यह सब कुछ आपकी और राहुल जी की जानकारी के बगैर हो रहा है। मुख्तार अंसारी पेशेवर अपराधी है उसने तमाम निर्दोषों की बेरहमी से हत्या की है। अनेक माताओं बहनों का उसने सुहाग उजाड़ा है तो तमाम बच्चों के सिर से उसने पिता का साया छीना है। प्रत्येक पीड़ित को उस क्षण की प्रतीक्षा है जब मुख्तार जैसे दुर्दांत अपराधी को उसके किए की कड़ी सजा मिलेगी। इंसाफ की आस में हमारा हर दिन और हर रात तिल-तिल कर गुजर रहा है। आप खुद भी एक महिला हैं ऐसे में मेरा आपसे विनम्रता से सवाल है कि आप ऐसा क्यों कर रही है? क्या आपको हम जैसी अबलाओं का दर्द नहीं दिख रहा है।
मेरी खुद की कहानी इस बात का प्रमाण है कि कैसे कानून का मजाक उड़ाकर मुख्तार वर्षों से सुरक्षित बचा हुआ है। यह बेहद खेदजनक है कि आप और आपकी पार्टी अपराधियों के साथ खुलकर खड़ी है। मीडिया के माध्यम से मुझे पता चला कि उत्तर प्रदेश की गाड़ियां मुख्तार अंसारी को लेने गईं। सरकार ने उसे बचाने के लिए तीन महीने का बेड रेस्ट दे दिया। मैं और मेरे जैसे लोग इस बात से हताश हैं जिन्हें आज तक इंसाफ का इंतजार है। आज संपूर्ण उत्तर प्रदेश की जनता के मन में यह कौतूहल है कि मुख्तार को लेकर उठ रहे तमाम सवालों पर प्रियंका जी और राहुल जी खामोश क्यों है। मजबूरी में एक कुख्यात अपराधी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे आप के जवाब का इंतजार रहेगा मुझे विश्वास है कि यदि आपके मन में थोड़ी भी संवेदना होगी तो आप ना सिर्फ मेरे पत्र का जवाब देंगी बल्कि मुख्तार अंसारी को सजा दिलाने में मेरी मदद भी करेंगी।