राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने किसानों के लिए राहत प्रदान की है। बैंक से लिए गए कर्ज को न चुका पाने की स्थिति में किसानों की पांच एकड़ जमीन जब्त नहीं की जा सकेगी। राज्य सरकार 31 अक्टूबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में किसानों से जुड़े बिल को पेश करने की योजना बना रही है।
पंजाब सरकार ने कर्ज न चुकाने पाने की स्थिति में ढाई एकड़ जमीन को जब्त न किए जाने का निर्णय लिया था। राजस्थान सरकार यह बिल केंद्र सरकार के तीन किसान संबंधी कानूनों को रद्द करने के लिए ला रही है। राज्य के कानून मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि किसानों के हक को बचाने और उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए, राजस्थान सरकार नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 60 (1) में एक संशोधन लाएगी। सरकार ने पांच एकड़ जमीन को नॉन-अटैचेबल कैटेगरी में रखा है।
उन्होंने कहा, ”इस संशोधन के बाद, किसान की पांच एकड़ तक की खेतिहर जमीन को अटैच नहीं किया जा सकेगा।” मंत्री ने बताया कि राजस्थान सरकार इस बिल को आगामी विधानसभा सत्र में पेश करेगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के बिल में जो अन्य प्रावधान होंगे, उनमें एक यह है कि सरकार कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की अनुमति देगी जैसे कि केंद्रीय कानून में है, लेकिन किसानों से खरीदारी एमएसपी के हिसाब से ही करनी होगी। एमएसपी से कम भुगतान करने वालों पर दंडात्मक प्रावधान होगा।
उन्होंने कहा, ”किसानों को यह अधिकार होगा कि कार्यकाल पूरा होने के बाद वे कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर सकते हैं।” राजस्थान सरकार के इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि यह स्वागतयोग्य कदम है और किसानों के हित में है।