हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को राव तुला राम मार्ग पर बसंत नगर स्थित 130 साल पुरानी मस्जिद के गेट के पास से बैरिकेडिंग हटाने का आदेश दिया है ताकि वहां आने वाले नमाजियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। कोर्ट ने पुलिस को मस्जिद के गेट के 10 मीटर पहले या 10 मीटर बाद बैरिकेटिंग करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने मामले में पुलिस द्वारा पेश तस्वीर और गूगल इमेल को देखने के बाद यह आदेश दिया। उन्होंने कहा कि गूगल अर्थ इमेज और पुलिस द्वारा पेश तस्वीर में विरोधाभास है। कोर्ट ने गूगल अर्थ इमेज से जाहिर होता है कि बैरिकेटिंग जिगजेग तरीके इस प्रकार लगाया गया है कि मस्जिद आने वाले सभी वाहनों की जांच हो, लेकिन पुलिस द्वारा पेश तस्वीर में दिखाया गया है कि बैरिकेटिंग मस्जिद के गेट से दूर है।
हाईकोर्ट ने सभी तथ्यों पर विचार करने के बाद पुलिस को सड़क पर मस्जिद के गेट के 10 मीटर पहले बैरिकेटिंग लगाने को कहा है ताकि मस्जिद आने वाले किसी को परेशानी न हो। इसके साथ ही मस्जिद प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि पास स्थित दुकान पर किसी तरह की भीड़ जमा न हो। कोर्ट ने पुलिस से कहा कि यदि वाहनों की चेकिंग हो रही हो तो यह पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती हो और इसके लिए बैरिकेटिंग मस्जिद के 10 मीटर पहले या बाद में लगाई जाए।
हाईकोर्ट ने मो. जफर की ओर से अधिवक्ता जनक राज राणा द्वारा दाखिल याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि राव तुला राम मार्ग पर बसंत नगर स्थित 130 साल पुरानी मस्जिद है और पुलिस ने नवंबर, 2019 से मस्जिद के गेट पर बैरिकेटिंग लगाना शुरू कर दिया है, इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
याचिका में कोर्ट से पुलिस को मस्जिद के गेट से बैरिकेटिंग हटाने का और इसे थोड़ी दूर पर लगाने का आदेश देने की मांग की गई। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया था कि बैरिकेटिंग से मस्जिद के प्रवेश का रास्ता बाधित नहीं हो रहा है। इसके साथ ही कहा था कि पुलिस ने मस्जिद प्रशासन द्वारा वहां पर दो दुकाने चलाई जाती है और वहां भीड़ जमा होती है। साथ ही कहा कि वहां दो झपटमारी की कुछ वारदाते होने की सूचना थी। इसके अलावा वसंत विहार की तरफ से गुरूग्राम की तरफ जाने वाले यातायात वाहनों की चेकिंग के मद्देनजर बैरिकेटिंग लगाया गया है।